Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Sankashti Chaturthi 2024: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, गणपति बप्पा की कृपा बनी रहेगी सदैव

हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह तिथि 28 फरवरी को है। इस खास अवसर पर भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ कार्यो में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sat, 24 Feb 2024 07:00 PM (IST)
Hero Image
Sankashti Chaturthi 2024: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, गणपति बप्पा की कृपा बनी रहेगी सदैव

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह तिथि 28 फरवरी को है। इस खास अवसर पर भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ कार्यो में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और गणपति बप्पा की कृपा सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी प्रकार से भगवान गणेश की पूजा करना फलदायी होता है।

यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2024: फाल्गुन माह में कब है द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 28 फरवरी को रात 01 बजकर 53 मिनट पर होगा और इसके अगले दिन यानी 29 फरवरी को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी, बुधवार के दिन किया जाएगा।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म बेला में उठें। दिन की शुरुआत भगवान गणेश के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। मंदिर की सफाई कर गंगाजल छिड़ककर मंदिर को शुद्ध करें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अब चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद उन्हें पंचामृत, रोली, अक्षत, जनेऊ, सिंदूर, कूश, दूर्वा, सुपारी इत्यादि अर्पित करें। अब दीपक जलाकर आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें। इसके पश्चात भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और आय में वृद्धि की प्रार्थना करें। इस दिनभर व्रत रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ कर व्रत का पराण करें।

यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2024 Upay: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर कर सकते हैं ये उपाय, धन-धान्य से भर जाएगा घर

डिस्क्लेमर- ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी