Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर जरूर करें ये आरती, सभी बाधाएं होंगी दूर
सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि गणपति बप्पा को समर्पित है। ज्येष्ठ माह में एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत 26 मई को किया जाएगा। इस अवसर पर गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे इंसान का जीवन सुखमय होता है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संताप से मुक्ति पाना चाहते हैं तो एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Ji Ki Aarti: सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम भगवान गणेश की उपासना की जाती है। चतुर्थी तिथि गणपति बप्पा को समर्पित है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर देवों के देव महादेव के पुत्र गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। इस चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपर्वक पूजा और आरती करनी चाहिए। मान्यता है आरती करने से पूजा सफल होती है और साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बाधाएं दूर होती हैं। आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश जी की आरती।
॥श्री गणेश जी की आरती॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त (Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 04 बजकर 36 मिनट से होगी और वहीं, इसका समापन 27 मई को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई को किया जाएगा।
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