Move to Jagran APP

Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या पर करें इस स्तोत्र का पाठ, पितृ होंगे प्रसन्न

पूजा-पाठ के समय इंसान के द्वारा कुछ गलती होने से पितृ अप्रसन्न होते हैं जिससे इंसान को जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप पितरों की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो फाल्गुन अमावस्या पर तर्पण के दौरान पितृ स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 04 Mar 2024 04:41 PM (IST)
Hero Image
Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या पर करें इस स्तोत्र का पाठ, पितृ होंगे प्रसन्न
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pitru Stotram: अमावस्या तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। इस बार फाल्गुन माह में अमावस्या 10 मार्च को है। इस दिन शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इस अवसर पर पवित्र नदी में स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा, पिंड दान और ब्राह्मणों को भोजन करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य करने से इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है और पितरों का तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। अगर आप पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो फाल्गुन अमावस्या पर तर्पण के दौरान पितृ स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

यह भी पढ़ें: Falgun Amavasya 2024: कब है फाल्‍गुन अमावस्‍या? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पितृ स्तोत्र लिरिक्स (Pitru Stotram Lyrics)

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।

नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥

इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।

सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ॥

मन्वादीनां मुनीन्द्राणां सूर्याचन्द्रमसोस्तथा ।

तान् नमस्याम्यहं सर्वान् पितृनप्सूदधावपि ॥

नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।

द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ॥

देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।

अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येsहं कृताञ्जलि: ॥

प्रजापते: कश्यपाय सोमाय वरुणाय च ।

योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ॥

नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।

स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ॥

सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।

नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ॥

अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।

अग्नीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ॥

ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्निमूर्तय:।

जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ॥

तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतमानस:।

नमो नमो नमस्ते मे प्रसीदन्तु स्वधाभुज: ॥

कब है फाल्गुन अमावस्या

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 09 मार्च की शाम को 06 बजकर 17 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 10 मार्च को दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर तिथि का समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को मनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: Falgun Amavasya 2024: अमावस्या के दिन करें मां गंगा के नामों का जाप, जीवन की सभी मुश्किलें होंगी दूर

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Pic Credit Freepik