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Gaja Lakshmi Vrat 2022: मां गजलक्ष्मी व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महालक्ष्मी मंत्र

Gaja Lakshmi Vrat 2022 आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को गजलक्ष्मी व्रत रखा जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी के गज स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। जानिए गजलक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और मंत्र।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 09:34 AM (IST)
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Gaja Lakshmi Vrat 2022: मां गजलक्ष्मी व्रत कल, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महालक्ष्मी मंत्र
नई दिल्ली, (Gaja Lakshmi Vrat 2022): हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को गजलक्ष्मी व्रत रखा जाता है। आज गज में सवार मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत आरंभ होते हैं जो 16 दिन होते हुए आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को समाप्त होते हैं। इस दिन गजलक्ष्मी व्रत के साथ उद्यापन किया जाता है और मां लक्ष्मी के गजस्वरूप की पूजा की जाती है। जानिए गजलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र।

गजलक्ष्मी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त ( Gaja Lakshmi Vrat 2022 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर, शनिवार को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रही है जो 18 सितंबर, रविवार को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर गजलक्ष्मी व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा।

इस साल गजलक्ष्मी व्रत पर खास योग भी लग रहे हैं। इस दिन सुबह 06 बजकर 34 मिनट सिद्धि योग समाप्त होगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है।

गजलक्ष्मी व्रत 2022 पूजा का मुहूर्त

गजलक्ष्मी व्रत के लिए सुबह की पूजा का समय- 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक

दोपहर की पूजा का शुभ मुहूर्त- 12 बजकर 15 मिनट तक

शाम को पूजा का शुभ समय- 06 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक

गजलक्ष्मी व्रत 2022 पूजा विधि (Gaja Lakshmi Vrat 2022 Puja Vidhi)

व्रत के दिन सुबह उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसके ऊपर हल्दी से कमल बना दें। इसके बाद इसमें मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें। इसके साथ ही श्रीयंत्र और कलश की स्थापना भी कर दें और चौकी में मिट्टी या चांदी के हाथी को रखें। फिर पूजा आरंभ करें। मां लक्ष्मी की पूजा में हल्दी, कुमकुम, लाल गुलाब, माला, अक्षत, कमल गट्टा, सोलह श्रृंगार, नैवेद्य आदि चढ़ाएं। इसके साथ भोग अर्पित करने के साथ धूप दीप जलाकर महालक्ष्मी मंत्र, श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ कर लें। अंत में आरती करते भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

महालक्ष्मी मंत्र (Mahalaxmi Mantra)

गजलक्ष्मी के दिन महालक्ष्मी के इन मंत्रों का करीब 108 बार जाप करना लाभकारी साबित होगा।

मां लक्ष्मी के मंत्रः

ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:

ऊं नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात

ऊं मां लक्ष्मी मंत्रः

ऊं विद्या लक्ष्म्यै नम:

ऊं आद्य लक्ष्म्यै नम:

ऊं सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:

Pic Credit- Instagram//lalitha_tripura_sundari/

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'