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Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: कर्ज से न हो परेशान, भगवान गणेश की पूजा से समस्या से मिलेगी मुक्ति

हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का पर्व 18 नवंबर (Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024) को मनाया जाएगा। इस दिन जातक भगवान गणेश जी की विधिपूर्वक उपासना करते हैं। साथ हो मोदक और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 13 Nov 2024 06:26 PM (IST)
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Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: ऐसे करें धन संबंधी समस्या दूर
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महादेव के पुत्र भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि चतुर्थी तिथि का व्रत करने से जातक को सभी विघ्न से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन सच्चे मन से ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जातक को गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कर्ज से छुटकारा मिलता है और धन संबंधी समस्या दूर होती है। आइए पढ़ते हैं ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्र का पाठ।

॥ ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम् ॥

कैलाशपर्वते रम्ये शम्भुं चन्द्रार्धशेखरम्।

षडाम्नायसमायुक्तं पप्रच्छ नगकन्यका॥

॥ पार्वत्युवाच ॥

देवश परमेशान सर्वशास्त्रार्थपारग।

उपायमृणनाशस्य कृपया वद साम्प्रतम्॥

॥ शिव उवाच ॥

सम्यक् पृष्टं त्वया भद्रे लोकानां हिकाम्यया।

तत्सर्वं सम्प्रवक्ष्यामि सावधानावधारय॥

॥ विनियोग ॥

ॐ अस्य श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिस्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः

अनुष्टुप् छन्दः श्रीऋणहरणकर्तृगणपतिर्देवता ग्लौं बीजम्

गः शक्तिः गों कीलकम्मम सकलऋणनाशने जपे विनियोगः।

॥ ऋष्यादिन्यास ॥

ॐ सदाशिवऋषये नमः शिरसि।

ॐ अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे।

ॐ श्रीऋणहर्तृगणेश देवतायै नमः हृदि।

ॐ ग्लौं बीजाय नमः गुह्ये।

ॐ गः शक्तये नमः पादयोः।

ॐ गों कीलकाय नमः सर्वांगे।

॥ करन्यास ॥

ॐ गणेश अंगुष्ठाभ्यां नमः।

ॐ ऋणं छिन्धि तर्जनीभ्यां नमः।

ॐ वरेण्यम् मध्यमाभ्यां नमः।

ॐ हुं अनामिकाभ्यां नमः।

ॐ नमः कनिष्ठिकाभ्यां नमः।

ॐ फट् करतलकर पृष्ठाभ्यां नमः।

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॥ हृदयादिन्यास ॥

ॐ गणेश हृदयाय नमः।

ॐ ऋणं छिन्धि शिरसे स्वाहा।

ॐ वरेण्यम् शिखायै वषट्।

ॐ हुं कवचाय हुम्।

ॐ नमः नेत्रत्रयाय वौषट्।

ॐ फट् अस्त्राय फट्।

॥ ध्यान ॥

सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशंलम्बोदरं पद्मदले निविष्टम्।

ब्रह्मादिदेवैः परिसेव्यमानंसिद्धैर्युतं तं प्रणमामि देवम्॥

॥ स्तोत्र पाठ ॥

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

त्रिपुरस्य वधात्पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

हिरण्यकश्यपादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः।

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर, शाम 06 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 19 नवंबर दोपहर को शाम 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को किया जाएगा। 

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

महिषस्य वधे देव्या गणनाथः प्रपूजितः।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

तारकस्य वधात्पूर्वं कुमारेण प्रपूजितः।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

भास्करेण गणेशस्तु पूजितश्छविसिद्धये।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

शशिना कान्तिसिद्ध्यर्थं पूजितो गणनायकः।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

पालनाय च तपसा विश्वामित्रेण पूजितः।

सदैव पार्वतीपुत्र ऋणनाशं करोतु मे॥

अगर आप बिजनेस में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 21 दुर्वा की गांठ के साथ गुड़ के लड्डू का भोग लगाए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक को बिजनेस में अपार सफलता प्राप्त होती है।

इदं त्वृणहरं स्तोत्रं तीव्रदारिद्र्यनाशनम्।

एकवारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं समाहितः॥

दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेरसमतां व्रजेत्।

फडन्तोऽयं महामन्त्रः सार्धपञ्चदशाक्षरः॥

अस्यैवायुतसंख्याभिः पुरश्चरणमीरितम।

सहस्रावर्तनात् सद्यो वाञ्छितं लभते फलम्॥

भूत-प्रेत-पिशाचानां नाशनं स्मृतिमात्रतः॥

॥ इति श्रीकृष्णयामलतन्त्रागत-उमामहेश्वरसंवादे

ऋणहर्ता श्री गणेश स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।