Ganesh Chaturthi 2023: भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें, वरना झेलनी पड़ सकती है बप्पा की नाराजगी
Ganesh Chaturthi 2023 भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान लोग बप्पा को अपने घर लाते हैं और उनकी सेवा करते हैं। इस वर्ष गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रहा है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 28 सितंबर को बप्पा के विसर्जन के साथ होगा।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:32 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Lord Ganesha Puja: हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है, क्योंकि वह सभी विघ्न हर लेते हैं। भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में लोग गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं। लेकिन साथ ही कुछ ऐसी चीजें भी बताई गई हैं जिन्हें भगवान विघ्नहर्ता गणेश को अर्पित नहीं करना चाहिए, इससे अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।
इसलिए नहीं अर्पित करते तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु की पूजा में इसका आवश्यक रूप से प्रयोग होता है लेकिन गणेश जी को तुलसी दल अर्पित करना वर्जित माना गया है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है जिसके अनुसार एक बार भगवान गणेश ने तुलसी के विवाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसके बाद तुलसी ने गणेश जी को दो विवाह होने का श्राप दे दिया था। यह भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2023: गणपति बप्पा की पूजा करते समय करें इस चालीसा का पाठ, दूर होंगे सभी दुख और संताप
न चढ़ाएं सफेद चीजें
गणेश जी को सफेद चीजें जैसे - सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा से माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने भगवान गणेश की उपहास किया था जिस कारण गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था। यही कारण है कि गणेश जी को सफेद चीजें अर्पित नहीं की जाती।
अक्षत चढ़ाते समय इस बात का रखें ध्यान
गणेश जी की पूजा में कभी भी टूटे हुए या सूखे अक्षत अर्थात चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपको बप्पा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। क्योंकि अक्षत का अर्थ ही होता है जिसको कोई क्षति न हुई हो यानी जो पूरा हो, बिना किसी टूट-फूट के। इसलिए पूजा में प्रयोग होने वाले साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है।