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गणेश जी के कुछ मंत्र ऐसे हैं जिससे कैसी भी परेशानी हो अवश्‍य पूरी होती है

यह मंत्र ,सर्व मंत्रों को सिद्ध करने की शक्ति प्रदान करता | कोई एक मंत्र 21 बार या शुभ संख्या में स्मरण करने के बाद धूप और घी के दीप से श्री गणेश की आरती सपरिवार श्रद्धा और भक्ति से करें।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Wed, 07 Dec 2016 11:01 AM (IST)

गणपति विघ्नहर्ता हैं, इसलिए किसी भी शुभ काम से लेकर विवाह एवं गृह प्रवेश जैसी समस्त विधियों के प्रारंभ में गणेश पूजन किया जाता है। 'पत्र अथवा अन्य कुछ लिखते समय सर्वप्रथम॥ श्री गणेशाय नमः॥ लिखा जाता है गणेश जी के कुछ मंत्र ऐसे हैं जिससे कैसी भी परेशानी हो अवश्य पूरी होती है । जैसे;

- ॐ श्री गणेशाय नम:

- गं गणपतये नम:

- ॐ गं गणपतये नम:

- ॐ गं ॐ इनमें से कोई एक मंत्र 21 बार या श्रद्धानुसार शुभ संख्या में स्मरण करने के बाद सुंगधित धूप और घी के दीप से श्री गणेश की आरती सपरिवार श्रद्धा और भक्ति से करें।

भगवान श्री गणेश बुद्धि के दाता हैं

सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र

ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम :

प्रकाशय ग्लूं गलीं ग्लां फट् स्वाहा||

श्री गणेश मूल मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः |

ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः ||

विधि :-

इस मंत्र का जप करने वाला साधक सफेद वस्त्र धारण कर सफेद रंग के आसन पर बैठकर पूर्ववत् नियम का पालन करते हुए इस मंत्र का सात हजार जप करे| जप के समय दूब, चावल, सफेद चन्दन सूजी का लड्डू आदि रखे तथा जप काल में कपूर की धूप जलाये तो यह मंत्र ,सर्व मंत्रों को सिद्ध करने की ताकत (Power, शक्ति) प्रदान करता है|