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Lord Ganesh: जीवन के दुखों को दूर करने के लिए करें यह एक कार्य, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल

बुधवार के दिन गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे धन संबंधी परेशानी से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप भी जीवन के दुखों को दूर करना चाहते हैं तो बुधवार की पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र का जप जरूर करें। इससे प्रभु प्रसन्न होंगे और जीवन की हर परेशानी दूर होगी।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Wed, 12 Jun 2024 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2024 07:00 AM (IST)
Lord Ganesh: जीवन के दुखों को दूर करने के लिए करें यह एक कार्य, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Stuti Mantra: शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे शुभ कार्य सफल होते हैं और प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को बुधवार का दिन समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक गणपति बप्पा की उपासना और प्रिय चीजों का भोग लगाने से धन संबंधी परेशानी से छुटकारा मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप भी जीवन के दुखों को दूर करना चाहते हैं, तो बुधवार की पूजा के दौरान भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र का जप जरूर करें। इससे प्रभु प्रसन्न होंगे और जीवन की हर परेशानी दूर होगी।

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भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra Lyrics)

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय!

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते!!

भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय, सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय!

विद्याधराय विकटाय च वामनाय , भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते!!

नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:!

नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम:!!

विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे!

भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक!!

लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय!

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा!!

त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति ,

भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति!

विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति,

तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव!!

गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम !

तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम !!

भगवान गणेश के मंत्र

'गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।

नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।

धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।

गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

धन लाभ हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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