Gayatri Mantra: जीवन में पाना चाहते हैं सुख-समृद्धि तो गायत्री मंत्र का जाप करते समय रखें इन बातों का ध्यान
Gayatri Mantra lyrics in hindi वैदिक शास्त्र में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई प्रभावशाली मंत्रों का वर्णन किया गया है। लेकिन इन सभी में गायत्री मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता है कि गायत्री मंत्र का सही और नियमों का पालन करते हुए उच्चारण करने से साधक को मानसिक व आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Gayatri Mantra Lyrics: सनातन धर्म में गायत्री मंत्र के पाठ बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को जीवन में अपार खुशियां प्राप्त होती है। मान्यता है कि गायत्री मंत्र का सही और शुद्ध उच्चारण करने से साधक को रोग, दोष, शत्रु व जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन गायत्री मंत्र का जाप करते समय व्यक्ति को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि नियमों का पालन न करते हुए इस पवित्र मंत्र का जाप करने से मंत्र का सही प्रभाव नहीं पड़ता और पूजा विफल हो जाती है। आइए जानते हैं, गायत्री मंत्र के जाप से जुड़े नियम, लाभ और समय।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र का लाभ
शास्त्रों में यह विदित है कि गायत्री मंत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ आर्थिक क्षेत्र, कार्य क्षेत्र या व्यापार में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए गायत्री मंत्र के पाठ को बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। जो लोग सही विधि से गायत्री मंत्र का पाठ करते हैं, उन्हें ग्रह दोष इत्यादी से भी छुटकारा मिल जाता है।
इस समय गायत्री मंत्र का जाप करना है फलदाई
गायत्री मंत्र के का जाप करने के लिए तीन समय सबसे कारगर माने जाते हैं। पहले सूर्योदय से कुछ समय पहले और कुछ समय बाद के बीच की अवधि। दूसरा दोपहर के समय और तीसरा सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के बीद के बीच की अवधि में गायत्री मंत्र का पाठ किया जाना बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है।
गायत्री मंत्र का पाठ करते समय रखें इन बातों का ध्यान
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बता दें कि गायत्री मंत्र की गणना शक्तिशाली मंत्रों में की जाती है। ऐसे में गायत्री मंत्र का जाप करते समय व्यक्ति को शुद्ध उच्चारण का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसलिए गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु या धर्माचार्य के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
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जो लोग नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, उन्हें अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं लाना चाहिए। साथ ही उनका आचरण भी पवित्र होना चाहिए। गायत्री मंत्र के लिए तुलसी या चंदन की माला का प्रयोग करना चाहिए।
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ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जाप करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। संध्या काल में पश्चिम दिशा में मुख करके इस पवित्र मंत्र का जाप करना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि गायत्री मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है।
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