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Ghee Sankranti 2023: घी संक्रांति पर्व आज, जानिए पुण्यकाल और महा पुण्यकाल का समय

Ghee Sankranti 2023 उत्तराखंड में घी संक्रांति पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि घी संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर पवित्र नदी में स्नान करने से दान-पुण्य करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 17 Aug 2023 12:12 PM (IST)
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Ghee Sankranti 2023: घी संक्रांति पर इस शुभ मुहूर्त में करें सूर्य देव की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Ghee Sankranti 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज यानी 17 अगस्त से 2023, गुरुवार के दिन घी संक्रांति पर्व मनाया जा रहा है। घी संक्रांति पर्व मुख्य रूप से उत्तराखंड में लोकप्रिय है। बता दे कि घी संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति के दिन पूजा-पाठ, स्नान और दान करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानते हैं, घी संक्रांति शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

घी संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, घी संक्रांति पर्व आज यानी 17 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन मनाया जा रहा है। पंचांग में बताया गया है कि आज के दिन में पुण्य काल सुबह 06 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। वहीं महा पुण्यकाल सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 01 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। सिंह संक्रांति का क्षण दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर रहेगा।

घी संक्रांति 2033 पूजा विधि

शास्त्रों में बताया गया है कि सिंह संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और एक लोटे में लाल फूल व गुड़ मिलाकर अर्घ्य प्रदान करें। इसके साथ सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ जरूर करें।

घी संक्रांति या सूर्य संक्रांति के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करें। इस दिन लाल वस्त्र, गुड़, गेहूं या तांबे के बर्तन का दान बहुत ही लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होते हैं और जातक को विशेष फल प्रदान करते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।