How To Please God Krishna: रोजाना सुबह इस उपाय को करने से भगवान श्रीकृष्ण होते हैं प्रसन्न, घर आता है अपार धन
How To Please Lord Krishna वैष्णव संप्रदाय के लोग श्रीहरि विष्णु की पूजा उपासना करते हैं। भगवान श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण जी हैं। इनका जन्म द्वापर युग में हुआ था। इन्हें कन्हैया मुरलीधर माखनचोर श्याम गोपाल वासुदेव समेत 108 नामों से जाना जाता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 08 Apr 2023 01:56 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | How To Please Lord Krishna: सनातन धर्म में चार युगों का वर्णन है, जो क्रमशः सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग हैं। द्वापर युग के समकालीन भगवान श्रीकृष्ण थे। वैष्णव संप्रदाय के लोग श्रीहरि विष्णु की पूजा उपासना करते हैं। भगवान श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण जी हैं। इनका जन्म द्वापर युग में हुआ था। इन्हें कन्हैया, मुरलीधर, माखनचोर, श्याम, गोपाल, वासुदेव समेत 108 नामों से जाना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण दार्शनिक और निष्काम कर्मयोगी थे। वेदों के रचियता महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। वहीं, पवित्र ग्रंथ गीता में श्रीकृष्ण ने अपने शिष्य और परम मित्र अर्जुन को ज्ञान दिया है। गीता उपदेश के लिए भगवान श्रीकृष्ण को जगतगुरु भी कहा जाता है। पवित्र ग्रंथ गीता में कृष्णजी ने अपने शिष्य अर्जुन से भगवान को प्रसन्न करने के भी उपाय बताए हैं। शास्त्रों की मानें तो महज भाव से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से रंक भी राजा बन जाता है। वे धन की देवी माता लक्ष्मी के पति हैं। इसके लिए उन्हें लक्ष्मीपति कहकर भी संबोधित किया जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी का अंत होता है। साथ ही घर में अपार धन का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह ये काम जरूर करें। आइए जानते है-
कैसे करें भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न?-अगर आप भी भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं और पूजा उपासना नित करते हैं, तो भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा आप पर अवश्य बरसेगी। वहीं, अगर आप मटेरियल वर्ल्ड यानी भौतिक दुनिया से जुड़े हैं, तो प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा आराधना अवश्य करें। इसके लिए रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहने जगत के पालनहार नारायण श्रीहरि विष्णु को प्रणाम करें। तत्पश्चात, अपनी हथेली का अवलोकन करें। इस समय निम्न मंत्र का जाप करें-
'कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥'
इसके पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। फिर हथेली में जल रखकर निम्न मंत्र का उच्चारण करें -'ॐ केशवाय नम: ॐ नाराणाय नम:ॐ माधवाय नम: ॐ ह्रषीकेशाय नम:'ततपश्चात, सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इस समय निम्न मंत्र का जाप करें-
ॐ सूर्याय नमःॐ भानवे नमःॐ खगाय नमःॐ भास्कराय नमः,ॐ आदित्याय नमःअब भगवान श्रीकृष्ण की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, कुमकुम, तुलसी दल, तिल, जौ, अक्षत, हल्दी और चंदन से करें। कहते हैं कि कृष्णजी को स्नान-ध्यान कराकर उनका श्रृंगार कर दर्पण दिखाने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही घर में धन का आगमन होता है। अंत में आरती अर्चना कर भगवान से सुख, समृद्धि, धन और वैभव की कामना करें।
डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'