Govardhan Puja 2022 Aarti: आज श्रद्धाभाव के साथ करें भगवान गोवर्धन जी की आरती
Govardhan Ji Ki Aarti हिन्दू धर्म में गोवर्धन पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन देवता की भी विधिवत पूजा की जाती है। गोवर्धन भगवान की पूजा आरती के बिना अपूर्ण मानी जाती है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Govardhan Maharaj Ki Aarti: भगवान गोवर्धन की पूजा आज यानि 26 अक्टूबर के दिन बड़े श्रद्धापूर्वक की जा रही है। गोवर्धन पूजा के दिन लोग अपने हाथों से निर्मित भगवान गोवर्धन की प्रतिमा की पूजा करते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा गाय स्वरूप में करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मास कार्तिक मास में इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
बता दें कि जब देवराज इंद्र ने ब्रज पर अपना प्रकोप वर्षा के रूप में बरसाया था तब श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। कई दिनों तक ब्रजवासी भगवान गोवर्धन की छाया में सुरक्षित रहे थे। इसी के प्रति आभार प्रकट करने के लिए प्रति वर्ष गोवर्धन पूजा की जाती है। यह पूजा भगवान गोवर्धन की आरती के बिना अपूर्ण मानी जाती है।
भगवान गोवर्धन आरती (Bhagwan Govardhan Aarti)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
और चकलेश्वर विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,
तेरी झाँकी बनी विशाल।।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।।
करो भक्त का बेड़ा पार
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।