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Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण को ऐसे करें प्रसन्न, बरसेगी मुरलीधर की कृपा

दीवाली के बाद गोवर्धन पूजा ( Govardhan Puja 2024) का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को समर्पित है। यदि आप भी जीवन में व्याप्त दुख और संकट से छुटकारा पाना चाहते हैं तो गोवर्धन पूजा के दिन सच्चे मन से श्रीकृष्ण स्तोत्र का पाठ करें। इससे मुरलीधर की कृपा प्राप्त होगी। साथ ही कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 02 Nov 2024 10:49 AM (IST)
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Govardhan Puja 2024: श्रीकृष्ण को ऐसे करें प्रसन्न? (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व आज यानी 02 नवंबर (Govardhan Puja 2024 Date) को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन साधक जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि उपासना करने से जातक को जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है।

''श्रीकृष्ण शतनामावली स्तोत्र''

श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !

वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥

श्रीवत्सकौस्तुभधरो यशोदावत्सलो हरिः !

चतुर्भुजात्तचक्रासिगदाशंखाद्युदायुधः ॥

देवकीनन्दनः श्रीशो नन्दगोपप्रियात्मजः !

यमुनावेगसंहारी बलभद्रप्रियानुजः ॥

पूतनाजीवितहरः शकटासुरभञ्जनः !

नन्दव्रजजनानन्दी सच्चिदानन्दविग्रहः ॥

नवनीतविलिप्ताङ्गो नवनीतनटोऽनघः !

नवनीतनवाहारो मुचुकुंदप्रसादकः ॥

षोडशस्त्रीसहस्रेशो त्रिभंगीललिताकृतिः !

शुकवागमृताब्धीन्दुः गोविन्दो गोविदां पतिः॥

वत्सवाटचरोऽनन्तो धेनुकासुरमर्द्दनः !

तृणीकृततृणावर्तो यमलार्जुनभञ्जनः ॥

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (Govardhan Puja Date 2024) की शुरुआत 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से हो गई है । वहीं, इसका समापन 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा।

उत्तालतालभेत्ता च तमालश्यामलाकृतिः !

गोपगोपीश्वरो योगी कोटिसूर्यसमप्रभः॥

इलापतिः परंज्योतिः यादवेन्द्रो यदूद्वहः

वनमाली पीतवासा पारिजातापहारकः ॥

गोवर्धनाचलोद्धर्त्ता गोपालस्सर्वपालकः !

अजो निरञ्जनः कामजनकः कञ्जलोचनः॥

मधुहा मथुरानाथो द्वारकानायको बली !

वृन्दावनांतसञ्चारी तुलसीदामभूषणः ॥

स्यमन्तकमणेर्हर्ता नरनारायणात्मकः !

कुब्जाकृष्टांबरधरो मायी परमपूरुषः ॥

मुष्टिकासुरचाणूरमल्लयुद्धविशारदः !

संसारवैरि कंसारी मुरारी नरकान्तकः ॥

अनादिब्रह्मचारी च कृष्णाव्यसनकर्शकः !

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शिशुपालशिरच्छेत्ता दुर्योधनकुलान्तकः ॥

विदुराक्रूरवरदो विश्वरूपप्रदर्शकः !

सत्यवाक्सत्यसंकल्पः सत्यभामारतो जयी ॥

सुभद्रापूर्वजो विष्णुः भीष्ममुक्तिप्रदायकः !

जगद्गुरुर्जगन्नाथो वेणुनादविशारदः ॥

वृषभासुरविध्वंसी बाणासुरबलांतकः !

युधिष्ठिरप्रतिष्ठाता बर्हिबर्हावतंसकः ॥

पार्थसारथिरव्यक्तो गीतामृतमहोदधिः !

कालीयफणिमाणिक्यरञ्जितश्रीपदांबुजः ॥

दामोदरो यज्ञभोक्ता दानवेन्द्रविनाशकः

नारायणः परंब्रह्म पन्नगाशनवाहनः ॥

जलक्रीडासमासक्तगोपीवस्त्रापहारकः !

पुण्यश्लोकस्तीर्थपादो वेदवेद्यो दयानिधिः ॥

सर्वभूतात्मकस्सर्वग्रहरूपी परात्परः !

एवं कृष्णस्य देवस्य नाम्नामष्टोत्तरं शतं, ॥

कृष्णनामामृतं नाम परमानन्दकारकं,

अत्युपद्रवदोषघ्नं परमायुष्यवर्धनम् !

श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !

वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥

सनातन धर्म में उदया तिथि का खास महत्व है। ऐसे में गोवर्धन पूजा ( Govardhan Puja Shubh Muhurat) का त्योहार आज यानी 02 नवंबर (Kab Hai Govardhan Puja 2024) को मनाया जा रहा है।

भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र

1. ॐ कृष्णाय नमः

2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।

सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

6. ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

परेशानियी दूर करने वाला मंत्र

हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।

आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।

7. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।।

लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

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