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Gudi Padwa 2023: गुड़ी पड़वा पर जरूर करें ये काम, सालभर मिलेगा देवताओं का आशीर्वाद

Gudi Padwa 2023 प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुड़ी पड़वा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन हिन्दू नववर्ष का भी शुभारंभ हो जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय और मंत्रों का जाप करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sun, 19 Mar 2023 03:20 PM (IST)
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Gudi Padwa 2023: जानिए गुड़ी पड़वा पर्व के कुछ विशेष उपाय (Pic Credit: Freepik)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Gudi Padwa 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है। महाराष्ट्र में इस दिन गुड़ी पड़वा पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बता दे कि गुड़ी पड़वा के दिन ही चैत्र नवरात्रि पर्व की भी शुरुआत होती है। पंचांग के अनुसार गुड़ी पड़वा पर्व 22 मार्च 2023, बुधवार (Gudi Padwa 2023 Date) के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा।

महाराष्ट्र में इस पर्व को नए साल के शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है इस दिन देवी-देवताओं की उपासना करने से और कुछ उपायों का पालन करने से साधकों को साल भर खुशियां और अच्छे स्वास्थ्य के आशीर्वाद की प्राप्ती होती है। आइए जानते हैं गुड़ी पड़वा की पूजा विधि और कुछ विशेष उपाय।

गुड़ी पड़वा के दिन करें यह काम

  • धर्माचार्य बताते हैं कि गुड़ी पड़वा के दिन साधकों को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और फिर शरीर पर उबटन लगाकर स्नान आदि करना चाहिए। इसके बाद गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए।

  • पूजन के लिए साधक नई चौकी या वेदी पर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर हल्दी या केसर से अष्टदल कमल बनाएं। इसके बाद कमल के मध्य में ब्रह्मा जी की मूर्ति स्थापित करें।

  • ऐसा करने के बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और फिर 108 बार 'ॐ ब्रह्मणे नमः' मंत्र का जाप करें और विधि-विधान से ब्रह्मा जी की पूजा करें।

  • गुड़ी पड़वा के दिन पंचांग श्रवण को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नए वर्ष के राजा, मंत्री, सेनाध्यक्ष आदि का नाम सुनने से तथा वर्षफल का श्रवण करने से विशेष लाभ मिलता है।

  • गुड़ी पड़वा के दिन नीम के पत्ते का चूर्ण बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च, अजवाइन और मिश्री डालकर सेवन किया जाता है। ऐसा करने से साल भर व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होता है और शारीरिक पीड़ा भी दूर हो जाती है।

  • चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। इसलिए इस दिन घर में घटस्थापना और व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करने से व्यक्ति को समृद्धि, सुख एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।