Lord Vishnu Puja: घर में चाहते हैं सुख और शांति का आगमन, तो आज इन मंत्रों का करें जाप
गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। यदि आप आप श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें। मान्यता है कि मंत्रों का जाप करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और कार्यों में सफलता हासिल होती है।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Thu, 22 Feb 2024 07:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vishnu Mantra: सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरुवार का व्रत करने से घर में सुख और शांति का आगमन होता है। इसके अलावा जीवन की सभी परेशानियों से निजात मिलती है।
यदि आप आप भी श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें। मान्यता है कि मंत्रों का जाप करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और कार्यों में सफलता हासिल होती है।
विष्णु मंत्र
1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥यह भी पढ़ें: Vastu Tips for Money: घर में ले आएं ये तीन मूर्तियां, कभी नहीं होना पड़ेगा धन के लिए परेशान
2. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणायत्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपश्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥3.ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
3.बृहस्पति मंत्रॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।ॐ बृं बृहस्पतये नमः।4. गुरु का वैदिक मंत्रओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषुयद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।5.बृहस्पति शांति मंत्र
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।ॐ ह्रीं नमः।ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।6.ध्यान मंत्ररत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।यह भी पढ़ें: Vastu Tips: कहीं विंड चाइम लगाते समय आप भी तो नहीं कर रहे गलती, ध्यान रखें वास्तु के ये नियम
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