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Guru Pradosh Vrat पर इस विधि से करें रुद्राभिषेक, हर मनोकामना होगी पूरी

प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। इससे साधक को भगवान शिव की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्त की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ऐसे में आप जुलाई में पड़ रहे दूसरे प्रदोष व्रत के दिन इस विधि से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं तो इससे महादेव का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहेगा।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 09 Jul 2024 06:35 PM (IST)
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Guru Pradosh Vrat 2024 पढ़ें रुद्राभिषेक विधि।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव के निमित्त प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक विधि, जिसके द्वारा आप शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 जुलाई 2024 को रात 08 बजकर 44 मिनट पर हो रही है। यह तिथि 19 जुलाई को शाम 06 बजकर 41 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में आषाढ़ माह का दूसरा प्रदोष व्रत 18 जुलाई, गुरुवार के दिन किया जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

गुरु प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - रात 08 बजकर 44 मिनट से 09 बजकर 23 मिनट तक

इस विधि से करें रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक करने से पहले भगवान गणेश जी का ध्यान व पूजन करें। सबसे पहले शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, आदि से उनका अभिषेक करें। अभिषेक करते समय मन में ॐ नमः शिवाय: का जाप करते रहें।

सभी चीजों से अभिषेक करने के बाद अंत में एक बार फिर से गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिव जी का चंदन, भस्म आदि से तिलक करें और पुष्प, बेलपत्र, वस्त्र, रुद्राक्ष आदि से उनका श्रृंगार करें। अब भगवान शिव को भोग लगाएं और घी का दीपक प्रज्वलित कर महादेव की आरती करें। अब सभी में प्रसाद वितरित करें।

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इन मंत्रों का करें जाप

  • ॐ नमः शिवाय:
  • ॐ गौरीशंकरार्धनाथ्री नमः
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
  • ॐ नमः शिवाय गुरुदेवाय नमः
  • ॐ शिवलिंगाय नमः

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।