Hanuman Janmotsav 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर 31 सालों बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग
Hanuman Janmotsav 2022 पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाई जाती है। इस साल हनुमान जन्मोत्सव के दिन काफी खास संयोग बन रहा है। शनिवार होने के साथ-साथ कई नक्षत्र और योग का संयोग है। जानिए हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त पूजा विधि।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 11:47 AM (IST)
नई दिल्ली, Hanuman Janmotsav 2022:: शास्त्रों के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी कारण आज के दिन को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शनिवार होने के कारण इस जन्मोत्सव का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा इस बार काफी दुर्लभ संयोग भी बन रहा है ऐसा करीब 31 सालों बाद हुआ है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में दो बार हनुमान जन्मोत्सव पड़ती है। क्योंकि भगवान हनुमान के जन्म को लेकर थोड़ा सा मतभेद है।
रामायण के अनुसार माना जाता है कि पवन पुत्र का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। वहीं दूसरे मत के अनुसार माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए चैत्र मास को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में और कार्तिक मास को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जानिए हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और स्तोत्र।
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बन रहा है दुर्लभ संयोग
ज्योतिषों के अनुसार, आज शनि मकर राशि में विराजमान है जो काफी शुभ माना जा रहा है। मकर राशि में शनि हनुमान जयंती के दिन पहले भी विराजमान रह चुके हैं। ऐसा संयोग 1991 में बना था। उस दिन भी शनिवार था। इसलिए आज के दिन कुछ उपायों को करके आसानी से शनिदेव के साथ-साथ मंगल ग्रह को शांत किया जा सकता है।
Hanuman Jayanti 2022- हनुमान जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 16 अप्रैल देर रात 02 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17 अप्रैल को सुबह 12 बजकर 24 मिनट तकअभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तकHanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती पर करें सिंदूर से ये छोटा सा उपाय, मिलेगा हर दुख से छुटकारा
हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहा खास संयोगइस बार हनुमान जन्मोत्सव पर खास संयोग बन रहा है। इस दिन रवि योग के साथ हर्षण योग बन रहा है। वहीं नक्षत्रों में हस्त और फिर चित्रा योग बन रहा है।हस्त नक्षत्र- 16 अप्रैल सुबह 08 बजकर 40 मिनट तकचित्रा - 16 अप्रैल सुबह 8 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 17 अप्रैल सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक। रवि योग- सुबह 5 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 40 मिनट पर समाप्तहर्षण योग- 16 अप्रैल सुबह 5 बजकर 32 मिनट से 17 अप्रैल सुबह 2 बजकर 45 मिनट तक।Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जंयती और शनिवार का संयोग, शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न
हनुमान जन्मोत्सव के दिन ऐसे करें प्रभु की पूजाइस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और लाल, पीले या फिर भगवे रंग के कपड़े धारण कर लें। इसके बाद भगवान हनुमान का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद थोड़ा सा जल से छिड़ककर शुद्ध करें। फिर भगवान को फूल और माला चढ़ाएं और बंदन, रोली, अक्षत लगा दें। इसके बाद उन्हें भोग में इमरती, चने की दाल और गुड़ का भोग, बूंदी के लड्डू आदि चढ़ा दें। इसके बाद तुलसी दल चढ़कर थोड़ा सा जल अर्पित कर दें। फिर घी का दीपक और धूप जला दें। फिर हनुमान जी के मंत्र, स्तोत्र, चालीसा के साथ-साथ सुंदरकांड का पाठ करें। अंत में विधिवत तरीके से आरती करने के बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और उनका आशीर्वाद रखें। इसके बाद प्रसाद सभी को बांट दें। Hanuman Janmotsav 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर करें बजरंगबली के इन मंत्रों का जाप, जीवन की हर बाधा होगी दूर
हनुमान स्तुतिहनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:।लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।Pic Credit- Instagram/bhagwan_ji_ki_bhaktडिसक्लेमर' इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहा खास संयोगइस बार हनुमान जन्मोत्सव पर खास संयोग बन रहा है। इस दिन रवि योग के साथ हर्षण योग बन रहा है। वहीं नक्षत्रों में हस्त और फिर चित्रा योग बन रहा है।हस्त नक्षत्र- 16 अप्रैल सुबह 08 बजकर 40 मिनट तकचित्रा - 16 अप्रैल सुबह 8 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 17 अप्रैल सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक। रवि योग- सुबह 5 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 40 मिनट पर समाप्तहर्षण योग- 16 अप्रैल सुबह 5 बजकर 32 मिनट से 17 अप्रैल सुबह 2 बजकर 45 मिनट तक।Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जंयती और शनिवार का संयोग, शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न
हनुमान जन्मोत्सव के दिन ऐसे करें प्रभु की पूजाइस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और लाल, पीले या फिर भगवे रंग के कपड़े धारण कर लें। इसके बाद भगवान हनुमान का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद थोड़ा सा जल से छिड़ककर शुद्ध करें। फिर भगवान को फूल और माला चढ़ाएं और बंदन, रोली, अक्षत लगा दें। इसके बाद उन्हें भोग में इमरती, चने की दाल और गुड़ का भोग, बूंदी के लड्डू आदि चढ़ा दें। इसके बाद तुलसी दल चढ़कर थोड़ा सा जल अर्पित कर दें। फिर घी का दीपक और धूप जला दें। फिर हनुमान जी के मंत्र, स्तोत्र, चालीसा के साथ-साथ सुंदरकांड का पाठ करें। अंत में विधिवत तरीके से आरती करने के बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और उनका आशीर्वाद रखें। इसके बाद प्रसाद सभी को बांट दें। Hanuman Janmotsav 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर करें बजरंगबली के इन मंत्रों का जाप, जीवन की हर बाधा होगी दूर
हनुमान स्तुतिहनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:।लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।Pic Credit- Instagram/bhagwan_ji_ki_bhaktडिसक्लेमर' इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'