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Hanuman Mantra: मंगलवार के दिन इन मंत्रों का करें जाप, जीवन के दुखों से मिलेगी मुक्ति

मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत करने का भी विधान है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यदि आप भी जीवन में व्याप्त सभी तरह के दुखों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Mon, 26 Feb 2024 07:00 PM (IST)
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Hanuman Mantra: मंगलवार के दिन इन मंत्रों का करें जाप, जीवन के दुखों से मिलेगी मुक्ति

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Mantra: सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत करने का भी विधान है। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यदि आप भी जीवन में व्याप्त सभी तरह के दुखों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

हनुमान जी के मंत्र

1. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर

शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।

2. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय

सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय

सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

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4. आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर!

त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!

5. ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय

नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।

जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।

6. मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

7. वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |

पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||

8. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

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