Move to Jagran APP

Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर सरल विधि से करें महादेव की पूजा, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति

सावन माह की अमावस्या तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से उपासना करने से अनजाने में किए हुए सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। चलिए इस लेख में जानते हैं हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya 2024 Puja Time) और पूजा विधि के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 29 Jul 2024 12:24 PM (IST)
Hero Image
Hariyali Amavasya 2024: सावन में मनाई जाती है हरियाली अमावस्या
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Hariyali Amavasya 2024: सनातन शास्त्रों में अमावस्या तिथि अधिक महत्वपूर्ण है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर मनाया जाता है। सावन के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस खास अवसर पर देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। साथ ही विशेष दिन पर स्नान-दान का बहुत महत्व है। पंचांग के अनुसार, इस बार हरियाली अमावस्या का पर्व 04 अगस्त (Hariyali Amavasya 2024 Date) को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Hariyali amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर इन चीजों का दान करें, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति

हरियाली अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya 2024 Date Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, सावन माह की अमावस्या तिथि 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इसका समापन 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी।

हरियाली अमावस्या पूजा सामग्री लिस्ट (Hariyali Amavasya Puja Samagri List)

  • शहद
  • दही
  • देशी घी
  • धतूरा
  • फूल
  • बेलपत्र
  • चंदन
  • रोली
  • दीपक
  • पूजा के बर्तन
  • गंगाजल और साफ जल

हरियाली अमावस्या पर पूजा कैसे करनी चाहिए (Hariyali Amavasya Puja Vidhi)

वैसे तो अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन सावन में पड़ने वाली अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन ब्रम्हा मुहूर्त में उठें और स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मंदिर की सफाई कर गंगाजल से पवित्र करें। अब चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति विराजमान करें। महादेव का विधिपूर्वक अभिषेक करें। फल, फूल और धूप चढ़ाएं। देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करना जातक के जीवन के लिए बेहद फलदायी साबित होता है। अंत में खीर, फल, मिठाई और हलवा का भोग लगाकर लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

यह भी पढ़ें: Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या के दिन इस नियम से करें पूजा, नोट करें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।