Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर इस आरती से पितृ देव को करें प्रसन्न, पूर्वजों का मिलेगा आशीर्वाद
हरियाली अमावस्या 04 अगस्त को मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और सच्चे मन से पितरों और महादेव की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान पितृ देव की आरती करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए पढते हैं आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hariyali Amavasya 2024: सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। सनातन शास्त्रों के अनुसार अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करने से साधक को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हरियालीअमावस्या पर स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान शिव और पितरों की पूजा कर दान करना चाहिए। साथ ही विष्णु जी की पूजा का भी विधान है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
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हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन माह की अमावस्या तिथि 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो रही है, जिसका समापन 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी।
पितृ देव की आरती (Pitru Dev Aarti)
जय जय पितर जी महाराज,मैं शरण पड़ा तुम्हारी,शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,रख लेना लाज हमारी,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे,मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,आप ही हो रखवारे,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,
करने मेरी रखवारी,हम सब जन हैं शरण आपकी,है ये अरज गुजारी,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।देश और परदेश सब जगह,आप ही करो सहाई,काम पड़े पर नाम आपके,लगे बहुत सुखदाई,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।भक्त सभी हैं शरण आपकी,अपने सहित परिवार,रक्षा करो आप ही सबकी,रहूं मैं बारम्बार,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।जय जय पितर जी महाराज,मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,रखियो लाज हमारी,जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
शिव जी की आरती (Lord Shiv Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥ यह भी पढ़ें: Hariyali Amavasya 2024: हरियाली अमावस्या पर इन कामों से बनाएं दूरी, वरना बढ़ सकती है दिक्कतेंअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।