Hartalika Teej 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: हरतालिका तीज आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र
2022 Hartalika Teej Date Puja Vidhi Muhurat Mantra हरतालिका तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है। इसी कारण हर साल सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 11:24 AM (IST)
नई दिल्ली, Hartalika Teej 2022: हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करती है। बता दें कि यह व्रत भी हरियाली तीज और कजरी तीज की तरह ही निर्जला रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखती है। जानिए हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Hartalika Teej 2022 Puja Samagri: हरतालिका तीज का व्रत इन चीजों के बगैर अधूरा, नोट करें लें ये पूजन सामग्री
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज 2022 शुभ मुहूर्तशुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ- 29 अगस्त, सोमवार को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरूशुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 30 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक
हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह के समय हरतालिका पूजन मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 12 मिनट से 08 बजकर 42 मिनट तकप्रदोष काल हरतालिका पूजन मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 42 मिनट से दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक
शाम को पूजा का मुहूर्त: शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनटतीज पारण का समय- 31 अगस्त
हरतालिका तीज पूजन विधि
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर आदि करके साफ वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- हरतालिका तीज के दिन काली मिट्टी या रेत से शंकर-पार्वती मूर्ति बनाएं।
- एक लकड़ी की चौकी में चारों कोने में केले के पत्ते कलावा की मदद से बांध दें।
- इसके बाद भगवान शिव के साथ परिवार की मूर्ति स्थापित कर दें।
- भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत पूजा करें।
- इसके साथ ही मां को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं और महादेव को भी वस्त्र अर्पित करें।
- अब भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद घी का दीपक जलाएं
- अब हरतालिका तीज की व्रत कथा पढ़ें।
- अंत में आरती कर के भूल चूक के लिए माफी मांगे। दिनभर व्रत रखने के साथ रात के समय जागरण करें।
- अगले दिन स्नान आदि करने के बाद शिव-पार्वती जी की पूजा करके आरती कर लें।
- इसके बाद व्रत खोलें।