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Hartalika Teej की पूजा में जरूर करें इन मंत्रों का जाप, खुशहाल रहेगा जीवन, मिलेगा मनचाहा वर

हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का एक विशेष महत्व माना गया है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं से लेकर कुंवारी कन्याओं के द्वारा भी रखा जाता है। जहां सुहागिन महिलाएं इस व्रत को वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए करती हैं। वहीं अविवाहित कन्याओं द्वारा यह व्रत मनचाहे और सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। तो चलिए पढ़ते हैं हरतालिका तीज के मंत्र।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 29 Aug 2024 03:53 PM (IST)
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Hartalika Teej की पूजा में जरूर करें इन मंत्रों का जाप।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष में आने वाली तृतीया तिथि पर किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के निमित्त किया जाता है। इस व्रत को निर्जला रखने का विधान है। ऐसे में आप हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024 Date) की पूजा में इन मंत्रों का जाप कर भगवान जी और माता पार्वती की कृपा के पात्र बने रह सकते हैं।

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होने जा रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होने वाला है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार 06 सितंबर 2024 के दिन रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक

भगवान शिव के मंत्र (Shiv Mantra)

  • ओम नम: शिवाय
  • ओम महेश्वराय नमः
  • ओम पशुपतये नमः
  • ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
  • नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
  • ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
  • ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
  • ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
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पार्वती जी के मंत्र

ओम पार्वत्यै नमः

ओम उमाये नमः

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

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मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र - सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।

मनचाहे वर के लिए मंत्र - गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।