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Hartalika Teej पर सरल विधि से करें महादेव की पूजा, जल्द बनेंगे विवाह के संयोग

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 06 सितंबर को किया जाएगा। हरतालिका तीज व्रत कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर और जल्द शादी के लिए करती हैं। वहीं सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा करती हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 28 Aug 2024 01:44 PM (IST)
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Lord Shiv: ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती हैं। मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूरा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्या से मुक्ति मिलती है। साथ ही पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। आइए जानते हैं हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Puja Time)

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है।

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हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान कर मंदिर की सफाई करें।
  • चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को विराजमान करें।
  • फल, फूल, मिठाई, माला, दुर्वा, बेलपत्र चढ़ाएं।
  • मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
  • प्रतिमा के सामने दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
  • सच्चे मन से आरती करें और मंत्रों का जप करें।
  • हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें।
  • पति की दीर्घायु और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
  • प्रभु को खीर, फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • अगले दिन व्रत पारण करें और दान करें।

भगवान शिव के इन मंत्रों का करें जप

  • ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
  • नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
  • ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
  • ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
  • ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।