Hartalika Teej पर कुछ इस तरह करें पार्वती जी का शृंगार, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति
हरतालिका तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। यह एक कठिन व्रत भी माना जाता है क्योंकि इसे निर्जला रखने का विधान है। सुहागिन महिलाओं से लेकर कुंवारी कन्याएं तक इस व्रत को रखती हैं। यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुगाहिन महिलाओं द्वारा रखने का विधान है। हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024 Date) पर पूजा के दौरान मां पार्वती का शृंगार करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं मां पार्वती के शृंगार की विधि।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Shubh Muhurat)
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगा। वहीं इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार 06 सितंबर 2024 के दिन किया जाएगा। हरतालिका तीज की पूजा सुबह के समय करना उचित माना जाता है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक
सोलह शृंगार की सामग्री (Shringar Samagri)
- सिंदूर
- काजल
- कुमकुम
- बिंदी
- लाल चुनरी
- चूड़ियां
- नथ
- कान की बाली
- पायल
- बिछिया
- मेहंदी
- महावर
- फूलों का गजरा
- कंगा
- गले का हार
- इत्र
गौरी-शंकर पूजा विधि (Goddess Parvati Worship)
हरितालिका तीज पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद हरे रंग के वस्त्र धारण करें। अब शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद स्वयं द्वारा बनाई गई माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और इसके बाद गौरी-शंकर की विधि-विधान से पूजा करें।यह भी पढ़ें - Hartalika Teej पर जरूर करें श्री गौरीशाष्टकम का पाठ, वैवाहिक जीवन खुशियों से रहेगा भरा