Holi Calendar 2023: जानिए कब है बरसाना की लट्ठमार होली, होलिका दहन, रंग पंचमी? देखें होली का पूरा कैलेंडर
Holi Calendar 2023 होली का पर्व आने वाला है जिसकी तैयारियों देशभर में जोरो शोरों से चल रही हैं। भारत में होली का एक अलग ही जश्न होता है खासकर ब्रज की होली। जानिए होली के सभी दिनों के बारे में
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Thu, 23 Feb 2023 09:24 AM (IST)
नई दिल्ली, Holi Calendar 2023: होली का रंग फुलेरा दूज के साथ शुरू हो जाता है। क्योंकि इस दिन राधा-कृष्ण के सभी मंदिरों में फूलों की होली खेली जाती है। ब्रज मंडल में फुलेरा दूज के साथ होली का पर्व शुरू हो जाता है। इसके बाद होलाष्टक, लड्डू की होली, लट्ठमार होली से लेकर रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। जानिए इस साल रंगों वाली होली, होलिका दहन, लड्डू होली सहित अन्य होली कब है।
होली 2023 कैलेंडर
27 फरवरी, सोमवार- होलाष्टक प्रारंभ, बरसाना में लड्डू होली, नंदगांव में फाग आमंत्रण महोत्सव
हिंदू पंचांग के अनुसार 27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएगा,जो 7 मार्च को होलिका दहन के साथ समाप्त हो जाएगा। इस साल 8 नहीं बल्कि पूरे 9 दिनों की होलाष्टक पड़ रही है। होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ काम करने की मनाही होती है। इन दिन में भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
आमतौर पर लड्डू को खुशी के रूप में बांटे जाने की परंपरा है, लेकिन बरसाना में लट्ठमार होली से ठीक एक दिन पहले लोगों पर अबीर-गुलाल की तरह लड्डू फेंके जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से लोगों के बीच मिठास भरती है। नंदगांव से होली खेलने के लिए बरसाना आने का आमंत्रण स्वीकारने की परंपरा ऐसे ही सदियों से चली आ रही है।
28 फरवरी, मंगलवार- बरसाना की लट्ठमार होली
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है। इस दिन मथुरा, ब्रज में महिलाएं पुरुषों के ऊपर प्यार से लाठी बरसाती है और पुरुष ढाल से खुद की रक्षा करते हैं। इस होली को राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।01 मार्च, बुधवार- नंदगांव की लट्ठमार होली
कान्हा की नगरी नंदगांव में भी धूमधाम से होली का पर्व मनाया जाता है। नंदगांव में लट्ठमार होली खेलने की परंपरा सदियों से ऐसे ही चली आ रही हैं।03 मार्च, शुक्रवार- रंगभरी एकादशी, मथुरा में होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहा जाता है। इसे आमलकी या आंवला एकादशी भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती पहली बार काशी गए थे। इसी के कारण इस दिन यहां पर धूमधाम से रंग खेला जाता है। इसके अलावा शुक्रवार के दिन मथुरा में भी होली खेली जाएगी।
04 मार्च,शनिवार- गोकुल में छड़ीमार होली फाल्गुन मास के शक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाती है। इस दिन महिलाओं के हाथ में लाठी नहीं बल्कि छड़ी होती है। क्योंकि यह पर्व भगवान कृष्ण के बचपन से जुड़ा है।06 मार्च, सोमवार- होलिका दहन (ब्रज में) ब्रज में होलिका दहन एक दिन पहले किया जा रहा है।
07 मार्च, मंगलवार- होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पूरे देश में होलिकी दहन का पर्व मनाया जा रहा है।08 मार्च, बुधवार- रंग खेलने वाली होली, नंदगांव हुरंगा और दाऊजी का हुरंगा देशभर में 8 मार्च को होली खेली जाएगी। दाऊजी के प्रेम के प्रतीक हुरंगा में नंदगांव की हुरियारिनों ने गिरोह के हुरियारों पर लाठियों बरसाकर प्रेम दर्शाते है।
12 मार्च, रविवार- रंग पंचमी चैत्र मास की पंचमी तिथि को रंग पंचमी कहा जाता है। इस दिन को देव पंचमी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवी-देवता रंगोत्सव मनाते हैं।डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।