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Holika Dahan 2023: होलिका दहन पर अर्पित करें ये चीजें, सालभर तरक्की के साथ मिलेगा अपार धन

Holika Dahan 2023 होलिका दहन के समय कुछ चीजों को अर्पित करना शुभ माना जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। जानिए इस दिन अग्नि में कौन सी चीजें अर्पित करना माना जाता है शुभ।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Mon, 06 Mar 2023 10:58 AM (IST)
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Holika Dahan 2023: होलिका दहन पर अर्पित करें ये चीजें, सालभर तरक्की के साथ मिलेगा अपार धन
नई दिल्ली, Holika Dahan 2023: पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि जो दिन होने के कारण कई जगहों पर 6 मार्च को, तो कई जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन से पहले विधि विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही होलिका दहन के समय कुछ चीजों को अर्पित करना शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन के समय कुछ चीजों को अर्पित करने से नौकरी-बिजनेस में लाभ के साथ हर क्षेत्र में सफलता और घर में खुशहाली बनी रहती हैं। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्यार बना रहता है। जानिए 7 मार्च को होने वाली होलिका दहन में किन चीजों को अर्पित करना शुभ।

Holika Dahan 2023 Date: इस साल कब है होलिका दहन 6 या 7 मार्च? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

होलिका दहन पर अर्पित करें ये चीजें

गन्ना

होलिका दहन के समय गन्ना अग्नि में सेंकना अच्छा माना जाता है। इसके बाद इस गन्ने का सेवन करने से स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। इसके अलावा कई लोग गन्ना की आहुति भी देते हैं।

गेहूं की बाली

होली के पर्व के समय खेतों में गेहूं की फसल भी आ जाती है। इसी के कारण अन्न के रूप में इसे भी होलिका में अर्पित किया जाता है। इसलिए आप चाहे तो गन्ने में 5 गेंहू की बाली बांध सकते हैं।

चावल

अग्नि जलने के बाद चावल डालने की प्रथा सदियों से यूं ही चली आ रही हैं। माना जाता है कि चावल के रूप में आप अपने शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को हटा दें और एक नई शुरुआत करते हैं।

बताशा

मां लक्ष्मी को बताशा अति प्रिय है। होलिका दहन के समय अग्नि में जरूर अर्पित करना चाहिए।

गोबर के कंडे

होलिका दहन के कुछ समय पहले से गोबर से कंडे बनाए जाते हैं जिन्हें बल्ले कहा जाता है। होलिका दहन के दिन 5-5 बल्ले एक-एक में जोड़कर पांच जोड़ा बना लें और शाम को विधिवत पूजा करने के बाद होलिका दहन के समय अग्नि में अर्पित कर दें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।