Holika Dahan 2023: होलिका दहन पर इस विधि से करें भक्त प्रह्लाद और नारायण की उपासना
Holika Dahan 2023 हिन्दू धर्म में होलिका दहन पूजा का विशेष महत्व है। हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन मनाई जाएगी। इस दिन शास्त्रों के अनुसार बताए गए पूजा-विधि का पालन करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan 2023 Puja Vidhi)
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होलिका दहन पर पर भक्त प्रह्लाद और होलिका की पूजा का विधान है। लेकिन शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश, भगवान विष्णु और कुल देवी-देवताओं की उपासना करें।
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इससे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई अच्छे से कर लें और होलिका दहन की सामग्री की भी पूजा करें और हो सके तो होलिका दहन की सामग्री को घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
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होलिका और भक्त प्रह्लाद की पूजा के समय व्यक्ति का मुख होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा में रहना चाहिए। इसे शुभ माना जाता है।
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इसके पूजा के लिए जल, अक्षत, रोली, गंध, पुष्प, गुड़, खिल, बताशे, नारियल और गुलाल का प्रयोग करें। साथ ही कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन से चार बार लपेट दें।
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होलिका को अग्नि अर्पित करें के बाद उनकी परिक्रमा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इसकी 'असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिषै:। अतस्तवां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।' मंत्र का जाप करते हुए कम से कम सात बार होलिका की परिक्रमा करें और मंत्रोच्चारण करते हुए ही अर्घ्य प्रदान करें।
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मंदिर अथवा चौराहे पर हुई होलिका दहन की लकड़ी से ही घर की होलिका को प्रज्वलित करें और होलिका में सभी सामग्री अर्पित करें।
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होलिका दहन के समय भक्त प्रह्लाद और नारायाण का स्मरण करते रहें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इसके बाद होलिका में नारियल, चना, सप्तधान्य, जौ इत्यादि अर्पित करने के बाद इन चीजों को प्रसाद के रूप में बांट दें।
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मान्यता है कि होलिका दहन की इस पूजा विधि का पालन करने से और होलिका दहन के पवित्र भस्म को घर में रखने से आरोग्यता और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।