Move to Jagran APP

Holika Dahan 2023: इस साल होलिका दहन के लिए मिलेंगे सिर्फ 2 घंटे, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Holika Dahan 2023 हिंदू धर्म में होली का पर्व काफी शुभ माना जाता है। होलिका दहन के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल होलिका दहन के लिए काफी कम समय मिल रहा है। जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Tue, 21 Feb 2023 11:52 AM (IST)
Hero Image
Holika Dahan 2023: इस साल होलिका दहन के लिए मिलेंगे सिर्फ 2 घंटे, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली, Holika Dahan 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों वाली होली होती है। इस साल होलिका दहन के काफी कम समय तक ही शुभ मुहूर्त रहेगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन प्रदोष काल (सूर्यास्त के ठीक बाद की अवधि) के दौरान किया जाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस तिथि के पूर्वार्द्ध में भद्रा (अशुभ समय) प्रबल रहता है। इसलिए भद्रा के दौरान किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए। जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा। इसके साथ ही 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी।

होलिका दहन का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक

अवधि- 2 घंटे 27 मिनट

भद्रा मुख समय- 7 मार्च  को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शाम 5 बजकर 6 मिनट तक

भद्रा पूंछ- 7 मार्च को शाम 4 बजकर 53 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक

होलिका दहन पूजा विधि

  • शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन से पहले होलिका माई की पूजा विधिवत तरीके से करने का विधान है।  होलिका दहन के दिन सूर्योदय के समय सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
  • अब होलिका दहन वाले स्थान पर जाएं। यहां पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। सबसे पहले गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।
  • अब हाथ धोकर पूजा प्रारंभ करें। सबसे पहले जल अर्पित करें।
  • अब रोली, अक्षत, फूल, माला, हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, रंग, सात प्रकार के अनाज, गेहूं की बालियां, गन्ना,चना आदि एक-एक करके अर्पित कर दें।
  • इसके साथ ही भगवान नरसिंह की पूजा भी कर लें।
  • होलिका पूजा के बाद कच्चा सूत से होलिका की 5 या 7 बार परिक्रमा करके बांध दें।
  • इसके साथ ही सुख-समृद्धि की कामना करें।
  • होलिका दहन के समय  अग्नि में जौ या  फिर चावल जरूर डालें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं।
Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।