Move to Jagran APP

Holika Dahan 2024: होलिका दहन की रात को ऐसे करें हनुमान जी की पूजा, जीवन के कष्टों से मिलेगी मुक्ति

होलिका दहन आज यानी 24 मार्च (Holika Dahan 2024 Date) को किया जाएगा। इसके अलावा होलिका दहन की रात को भगवान श्रीराम के परम भक्त भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से इंसान को जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है और भगवान हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 24 Mar 2024 10:46 AM (IST)
Hero Image
Holika Dahan 2024: होलिका दहन की रात को करें हनुमान जी की पूजा, जीवन के कष्टों से मिलेगी मुक्ति
धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Holika Dahan 2024, Lord Hanuman Puja: सनातन धर्म में ऐसे कई व्रत-त्योहार हैं, जिनका विशेष महत्व है। ऐसा ही एक पर्व है, होली का त्योहार। हर साल होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन आज यानी 24 मार्च को किया जाएगा। इसके अलावा होलिका दहन की रात को भगवान श्रीराम के परम भक्त भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से इंसान को जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है और भगवान हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं हनुमान जी की पूजा विधि के बारे में।

यह भी पढ़ें: Holika Dahan 2024: कब जलेगी होलिका? जानिए तिथि और पूजा विधि

ऐसे करें भगवान हनुमान जी की पूजा

  • होलिका दहन की रात्रि में भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है।
  • होलिका दहन की रात्रि को स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व कोने को साफ करके एक चौकी में भगवान हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • अब पूजा का संकल्प लें।
  • हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।
  • देशी घी का दीपक जलाएं।
  • इसके पश्चात हनुमान जी की आरती करें।
  • सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप करें।
  • संकटमोचन को लड्डू अति प्रिय हैं, इसलिए उन्हें लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। हनुमान जी की पूजा में तुलसी पत्र का प्रयोग शुभ माना जाता है।
  • अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantra)

1. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

2. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

3. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

4. मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

5. वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |

पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||

6. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा।

7. महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।

हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

8. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

यह भी पढ़ें: Holika Dahan 2024: क्यों जलाई जाती है होलिका और प्रहलाद की गोबर की प्रतिमा? जानिए इसकी वजह

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'