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Radha Ji Ki Aarti: पाना चाहते हैं भगवान श्रीकृष्ण की कृपा, तो पूजा के समय जरूर करें राधा जी की आरती

Radha Ji Ki Aarti भगवान श्रीकृष्ण के शरण और चरण में रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अंतकाल में भवसागर से मुक्ति मिलती है। अतसाधक श्रद्धा भाव से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं। अगर आप भी जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो पूजा के समय राधा जी की आरती करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 23 Aug 2023 07:00 AM (IST)
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Radha Ji Ki Aarti: पाना चाहते हैं भगवान श्रीकृष्ण की कृपा, तो पूजा के समय करें राधा जी की आरती
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Radha Ji Ki Aarti: बुधवार का दिन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के शरण और चरण में रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अंतकाल में भवसागर से मुक्ति मिलती है। अत:साधक श्रद्धा भाव से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं। अगर आप भी जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की कृपा और आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के समय राधा जी की आरती जरूर करें। राधा रानी जी की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। आइए, राधा रानी की आरती करें-

आरती श्री राधाजी की

आरती राधाजी की कीजै। आरती राधाजी की कीजै।

कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।

आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती राधाजी की कीजै।

कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।

उस शक्ति की आरती कीजै। आरती राधाजी की कीजै।

नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।

आरती रास रसाई की कीजै। आरती राधाजी की कीजै।

प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।

आरती राधाजी की कीजै। आरती…

दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।

आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती राधाजी की कीजै।

दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।

आरती जगत माता की कीजै। आरती…

निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे।

आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै…।

राधा गायत्री मंत्र

ॐ वृषभानुज्यै विधमहे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात ।

ॐ ह्रीं श्रीराधिकायै विद्महे गान्धर्विकायै विधीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्।

राधाजी की वंदना मंत्र

नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे।

ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।।

राधा कृष्ण बीज मंत्र

ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपपूर्णतमाय स्वाहा

राधा कृष्ण मंत्र

ऊं क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम:

कृष्ण मंत्र

श्री कृष्ण स्तुति कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।

नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥

सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।

गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥

मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌।

यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।