Shree Krishna Stuti: कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन में जरूर करें भगवान कृष्ण की इस स्तुति का पाठ
Shree Krishna Stuti नंद के लाल कृष्ण कन्हैया का जन्मदिवस श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव आज मानाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन के में भगवान कृष्ण इस स्तुतियों का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं....
Shree Krishna Stuti: नंद के लाल, कृष्ण कन्हैया का जन्मदिवस श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव आज मानाया जा रहा है। मथुरा, वृदांवन से लेकर पूरा ब्रज मंडल हरे कृष्णा और राधे – कृष्णा के स्वरों से गुंजायमान है। विधि अनुसार भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मध्य रात्रि में मानाया जाता है। इस साल मध्य रात्रि में रोहणी नक्षत्र के साथ अत्यंत शुभ मुहूर्त जयंति योग का भी निर्माण हो रहा है। आज कृष्ण जन्म की पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस मुहूर्त में विधि पूर्वक भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल या बाल गोपाल रूप का पूजन किया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन के में भगवान कृष्ण इस स्तुतियों का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान अवश्य प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं....
श्री कृष्ण स्तुति
भये प्रगट कृपाला दीन दयाला,यशुमति के हितकारी,
हर्षित महतारी रूप निहारी, मोहन मदन मुरारी.
कंसासुर जाना अति भय माना, पूतना बेगि पठाई,
सो मन मुसुकाई हर्षित धाई, गई जहां जदुराई.
तेहि जाइ उठाई ह्रदय लगाई, पयोधर मुख में दीन्हें,
तब कृष्ण कन्हाई मन मुसुकाई, प्राण तासु हरि लीन्हें.
जब इन्द्र रिसाये मेघ बुलाये, वशीकरण ब्रज सारी,
गौवन हितकारी मुनि मन हारी, नखपर गिरिवर धारी.
कंसासुर मारे अति हंकारे, वत्सासुर संहारे,
बक्कासुर आयो बहुत डरायो, ताकर बदन बिडारे.
अति दीन जानि प्रभु चक्रपाणी, ताहि दीन निज लोका,
ब्रह्मासुर राई अति सुख पाई, मगन हुए गए शोका.
यह छन्द अनूपा है रस रूपा, जो नर याको गावै,
तेहि सम नहिं कोई त्रिभुवन मांहीं, मन-वांछित फल पावै.
दोहा- नन्द यशोदा तप कियो, मोहन सो मन लाय
तासों हरि तिन्ह सुख दियो, बाल भाव दिखलाय
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'