Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर बन रहा है जयंती योग का दुर्लभ संयोग, इस दौरान व्रत रखने पर मिलते हैं कई लाभ
Shri Krishna Janmashtami 2023 जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। इस वर्ष जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है जिसके कारण इस योग में व्रत करने का महत्व और भी बढ़ जाएगा। आइए जानते हैं जयंती योग में व्रत रखने के चमत्कारी लाभ।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 06 Sep 2023 03:15 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Jayanti yoga on Janmashtami 2023: जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण माता देवकी के गर्भ से अवतरित हुए थे। इस बार की जन्माष्टमी और भी खास होने वाली है क्योंकि इस वर्ष जन्माष्टमी यानी 6 सितंबर को जयंती योग का बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है।
यह जन्माष्टमी है और भी खास
इस वर्ष अधिकांश जगहों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जा रही है। साथ ही इस दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इस बार की जन्माष्टमी इसलिए भी खास है क्योंकि 6 सितंबर, बुधवार के दिन जब चंद्रमा वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे तो बेहद शुभ योग हर्षण योग बनेगा, यह वहीं संयोग है जो द्वापर युग में वास्तव में कृष्ण जन्म के दौरान बने थे।
जयंती योग में व्रत के लाभ
जयंती योग में जन्माष्टमी का व्रत करने से जातक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस योग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से जातकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस जयंती योग में व्रत करने से पूर्वजों को प्रेत योनी से छुटकारा मिलता है। साथ ही आप जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बांसुरी, कामधेनु गाय की मूर्ति, चंदन आदि खरीदकर भगवान कृष्ण को अर्पित कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को समृद्धि की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें - Janmashtami 2023: खीरे के बिना अधूरी मानी जाती है जन्माष्टमी की पूजा, क्या आप जानते हैं इसका कारण
बन रहें है ये शुभ योग
पंचांग अनुसार 6 सितंबर यानी जन्माष्टमी पर जयंती योग के अवाला 3 और शुभ योग बन रहे हैं। जिनका समय कुछ इस प्रकार रहेगा -- हर्षण योग - रात्रि 10 बजकर 26 मिनट तक
- सवार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन
- रवि योग - सुबह 6 से 9 बजकर 20 तक
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