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Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर इस तरह करें बाल गोपाल को प्रसन्न, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

Janmashtami 2023 जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी का जन्म रात्रि में हुआ था इसलिए उनके जन्म के समय ही पूजन करना शुभ होता है। इस दिन मंदिरों को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 18 Jul 2023 10:25 AM (IST)
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Janmashtami 2023 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। वर्ष 2023 में  कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। आइए जानते हैं कि जन्मोत्सव के दिन लड्डू गोपाल को किन चीजों से खुश किया जा सकता है।    

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि के समय भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान श्री कृष्ण का जन्म माता देवकी के गर्भ से हुआ था। इसलिए पूरे भारतवर्ष में यह त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

मथुरा, वृंदावन के भगवान कृष्ण के मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने हजारों की संख्या में भीड़ जुटती है। वहीं, कई स्थानों पर दही हांडी का भी आयोजन किया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने से और व्रत का पालन करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इन चीजों को करें पूजा में शामिल

  • भगवान श्री कृष्ण की प्रिय वस्तुएं जैसे बांसुरी, मोर पंख, माखन-मिश्री और  वैजयंती माला आदि को जन्माष्टमी की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे वह जल्दी प्रसन्न होकर आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
  • भगवान कृष्ण के साथ गाय की पूजा अवश्य करें। क्योंकि कान्हा जी को गाय भी अति प्रिय है। इसके लिए आप कृष्ण जी की मूर्ति के समीप गाय की मूर्ति रख सकते हैं।
  • इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि भगवान श्री कृष्ण के लिए जो भी भोग बना रहे हैं उसमें तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करें।
  • कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कान्हा जी को सुंदर वस्त्र, वैजयंती माला, मोर मुकुट आदि जरूर पहनाएं।

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