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Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा इस कार्य के बिना है अधूरी, पितृ होंगे प्रसन्न

ज्येष्ठ अमावस्या 06 जून को मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और पितरों की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा स्नान-दान और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 06 Jun 2024 06:30 AM (IST)
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Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा इस कार्य के बिना है अधूरी, पितृ होंगे प्रसन्न (Pic Credit-Freepik)

धर्म डेक्स, नई दिल्ली। Pitru Dev Aarti: पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 06 जून को मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और पितरों की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा स्नान-दान और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अगर आप भी ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितरों की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं। अंत में पितर देव की आरती करें। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

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पितर देव की आरती (Pitru Dev Aarti)

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

रख लेना लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप ही रक्षक आप ही दाता,

आप ही खेवनहारे,

मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,

आप ही हो रखवारे,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,

करने मेरी रखवारी,

हम सब जन हैं शरण आपकी,

है ये अरज गुजारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

देश और परदेश सब जगह,

आप ही करो सहाई,

काम पड़े पर नाम आपके,

लगे बहुत सुखदाई,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

भक्त सभी हैं शरण आपकी,

अपने सहित परिवार,

रक्षा करो आप ही सबकी,

रहूं मैं बारम्बार,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

रखियो लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।