Shree Satyanarayan Pooja: जून महीने में इस दिन करें श्री सत्यनारायण पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना
सनातन शास्त्रों में श्री सत्यनारायण पूजा की महिमा का वर्णन है। इस पूजा के लिए तिथि और मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार किसी दिन श्री सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं। हालांकि पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण पूजा करने से व्रती को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। श्री सत्यनारायण पूजा करने से घर में सुख समृद्धि शांति और खुशहाली आती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 24 May 2024 01:08 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shree Satyanarayan Pooja: सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस दिन श्री सत्यनारायण पूजा भी की जाती है। सनातन शास्त्रों में श्री सत्यनारायण पूजा की महिमा का वर्णन है। इस पूजा के लिए तिथि और मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार किसी दिन श्री सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं। हालांकि, पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण पूजा करने से व्रती को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। धार्मिक मत है कि श्री सत्यनारायण पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है। साथ ही व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी जून महीने में श्री सत्यनारायण पूजा करने की सोच रहे हैं, तो तिथि और शुभ मुहूर्त अवश्य नोट कर लें। आइए जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
ज्योतिष पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण पूजा करने की सलाह देते हैं। जून महीने में ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 22 जून को सुबह 06 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 जून को रखा जाएगा। वहीं, ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी। अतः जून महीने में श्री सत्यनारायण पूजा हेतु 22 जून का दिन बेहद उत्तम है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य भी किया जाता है।शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तकयह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व
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