Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इस विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा, सुख-सौभाग्य की होगी प्राप्ति
सनातन धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उपवास रखा जाता है। साथ ही विधिपूर्वक पूजा की जाती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इससे जीवन सदैव खुशहाल रहेगा और धन लाभ के योग बनेंगे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Purnima 2024 Puja Vidhi: ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून 2024, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। इस पर्व को लोग बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही गंगा स्नान और दान करने का अधिक महत्व है। मान्यता है कि इन शुभ कार्यों को करने से जातक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कार्य में आ रही रुकावट दूर होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर श्री हरि और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। इससे जीवन सदैव खुशहाल रहेगा और धन लाभ के योग बनेंगे।
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ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Purnima 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून, 2024 को सुबह 06 बजकर 01 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 22 जून, 2024 को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शनिवार के दिन मनाई जाएगी, लेकिन इसका व्रत 21 जून को किया जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि (Jyeshtha Purnima Puja Vidhi)
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें।
- इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
- इसके बाद चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर श्री हरि और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें।
- गंध, पुष्प, फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
- देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- विष्णु चालीसा का पाठ करें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें।
- भगवान विष्णु जी की आरती कर फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
- अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
इन मंत्रों का करें जप
सौभाग्य प्राप्ति के लिए मंत्र
सौभाग्य प्राप्ति के लिए मंत्र
- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
- ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
- या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥