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Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: गजानन संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें अपनी मुरादें पूरी, पूजा होगी सफल

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। इस शुभ अवसर पर लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। इससे सभी संकट दूर होते हैं। अगर आप भी गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से गणेश स्तोत्र का पाठ करें। इससे सभी मुरादें पूरी होंगी।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 22 Jul 2024 03:17 PM (IST)
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Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: ऐसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Stotram: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। यह दिन भगवान गणेश के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

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॥गणेश स्तोत्र॥

प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।

भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥॥

प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।

तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥॥

लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।

सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥॥

नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥॥

जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।

संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥॥

॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत

पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।