Hanuman Puja 2024: हनुमान पूजा के दिन बजरंगबली को इस तरह करें प्रसन्न, सभी संकट होंगे दूर
दीवाली का पर्व मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। इस पर्व से एक दिन पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान (Hanuman Puja 2024) जी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली की उपासना करने से सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन छोटी दीवाली और हनुमान पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार 30 अक्टूबर (Hanuman Puja 2024 Date) को हनुमान जी की पूजा की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान पूजा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ न करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना बिल्कुल भी न भूलें। आइए पढ़ते हैं हनुमान चालीसा।
।।हनुमान चालीसा का पाठ।।
।। दोहा।।श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ।।।। चौपाई ।।जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।यह भी पढ़ें: Hanuman Puja 2024: जीवन में बना रहता है डर? तो हनुमान जी के नामों का करें जप, समस्या जल्द होगी दूर
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । कांधे मूंज जनेउ साजै ।।शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ।।बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।मान्यता है कि हनुमान पूजा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ का करने से जीवन के सभी तरह के दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचन्द्र के काज संवारे ।।लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ।।सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।जम कुबेर दिगपाल जहां ते । कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ।।तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ।।जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।दीपावली पर जागरण की विशेष पेशकश: पढ़िए और डाउनलोड करिए और अपने परिजनों के साथ शेयर करिए लक्ष्मी-पूजन की ई-बुक
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ।।आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक तै कांपै ।।भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ।।नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।।
और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ।।चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।सनातन शास्त्रों में हनुमान पूजा का विशेष उल्लेख देखने को मिलता है।तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।।
अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहां जन्म हरिभक्त कहाई ।।और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।।जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ।।
।। दोहा ।।पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।यह भी पढ़ें: Hanuman Puja 2024: दिवाली से पहले कब है हनुमान पूजा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं महत्व
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