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Krishna Chhathi 2024: भाद्रपद माह में कब है भगवान श्रीकृष्ण छठी, जानें कैसे मनाते हैं पर्व

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व के 6 दिन बाद श्रीकृष्ण छठी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। चलिए इस लेख में जानते है श्रीकृष्ण छठी (Krishna Chhathi 2024)का महत्व और किस तरह मनाते हैं ये पर्व?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 24 Aug 2024 11:50 AM (IST)
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Krishna Chhathi 2024: छठी पर प्रभु को अर्पित किए जाते हैं छप्पन भोग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Krishna Chhathi 2024: भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर में देशभर में खास रौनक देखने को मिलती है। इससे ठीक 6 दिन बाद कृष्ण छठी का त्योहार मनाया जाता है। वर्ष 2024 में भगवान श्रीकृष्ण छठी 01 सितंबर (Krishna Chhathi 2024 Date) को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कृष्ण छठी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

  

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कृष्ण छठी का महत्व

सनातन धर्म से जुड़े लोग बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद उसकी छठी मनाते हैं। ठीक इसी तरह जन्माष्टमी के 6 दिन बाद भगवान श्रीकृष्ण छठी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है और कढ़ी चावल का प्रसाद का बनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक लड्डू गोपाल को प्रिय चीजों को अर्पित करता है, उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही प्रभु की कृपा से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। कृष्ण छठी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को पीला रंग प्रिय है।  

कैसे मनाते हैं कृष्ण छठी?  

कृष्ण छठी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर प्रभु को विराजमान करें। इसके बाद लड्डू गोपाल का पंचामृत से स्नान करें और नए वस्त्र पहनाकर स्थापित करें। इसके बाद प्रभु को रोली या पीले चंदन का तिलक लगाएं। साथ फूल माला अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। माखन मिश्री और कढ़ी चावल का भोग लगाएं। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अब प्रभु से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए कामना करें।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।