Margashirsha Amavasya के दिन भगवान विष्णु के इन नामों का करें जप, जीवन की सभी परेशानियों का होगा अंत
मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 01 दिसंबर (Margashirsha Amavasya 2024 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन पितरों की पूजा-अर्चना करने से जातक को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में अमावस्या के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान, दान और जप-तप करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इन शुभ कार्यों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष की समस्या दूर होती है। माना जाता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2024) के दिन भगवान विष्णु के 108 नामों का जप करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है।
।।भगवान विष्णु के 108 नाम।।
1. ऊँ श्री प्रकटाय नम:2. ऊँ श्री वयासाय नम:3. ऊँ श्री हंसाय नम:
4. ऊँ श्री वामनाय नम:5. ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:6. ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:7. ऊँ श्री प्रभवे नम:8. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:9. ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
10. ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:11. ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:12. ऊँ श्री अक्रूराय नम:यह भी पढ़ें: Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें गंगा चालीसा का पाठ, होगी मोक्ष की प्राप्ति13. ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
14. ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:15. ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :16. ऊँ श्री श्रीपतये नम:17. ऊँ श्री आनन्दाय नम:18. ऊँ श्री कमलापतये नम:19. ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत 30 नवंबर, 2024 दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 1 दिसंबर, 2024 को रविवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएगी।
20. ऊँ श्री महाबलाय नम:21. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:22. ऊँ श्री सुरेशाय नम:23. ऊँ श्री ईश्वराय नम:24. ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:25. ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:26. ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:27. ऊँ श्री योगिनेय नम:28. ऊँ श्री दयानिधि नम:29. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:30. ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:31. ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
32. ऊँ श्री शंख भृते नम:33. ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:34. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:35. ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:36. ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:37. ऊँ श्री महीधराय नम:38. ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:39. ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:40. ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:41. ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:42. ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:
43. ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:44. ऊँ श्री लोकनाथाय नम:45. ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:46. ऊँ श्री एकपदे नम:47. ऊँ श्री धनुर्धराय नम:48. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:49. ऊँ श्री केश्वाय नम:50. ऊँ श्री धनंजाय नम:51. ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:52. ऊँ श्री शान्तिदाय नम:53. ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:54. ऊँ श्री वाराहय नम:
55. ऊँ श्री नरसिंहाय नम:56. ऊँ श्री रामाय नम:57. ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:58. ऊँ श्री श्रीहरये नम:59. ऊँ श्री गोपतये नम:मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किसी के बारे में गलत न सोचें और कोई गलत कार्य न करें। माना जाता है कि ऐसा करने से जातक पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।
60. ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:61. ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:62. ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:63. ऊँ श्री कृष्णाय नम:64. ऊँ श्री विश्वातमने नम:65. ऊँ श्री गोविन्दाय नम:66. ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:67. ऊँ श्री दामोदराय नम:68. ऊँ श्री अच्युताय नम:69. ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:70. ऊँ श्री वासुदेवाय नम:71. ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:
72. ऊँ श्री नर-नारायणा नम:73. ऊँ श्री जनार्दनाय नम:74. ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:75. ऊँ श्री विष्णवे नम:76. ऊँ श्री केशवाय नम:77. ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:78. ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:79. ऊँ श्री परमात्मने नम:80. ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:81. ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:82. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:83. ऊँ श्री माधवाय नम:
84. ऊँ श्री अनन्तजिते नम:85. ऊँ श्री महेन्द्राय नम:86. ऊँ श्री नारायणाय नम:87. ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:88. ऊँ श्री प्रजापतये नम:मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन तालाब में मछलियों के लिए आटे की गोलियां डालें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक को पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही धन से जुड़ी समस्या दूर होती है।89. ऊँ श्री भूभवे नम:90. ऊँ श्री प्राणदाय नम:91. ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:92. ऊँ श्री सुरेशाय नम:93. ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:94. ऊँ श्री सनातन नम:95. ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:96. ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:97. ऊँ श्री एकातम्ने नम:98. ऊँ श्री शत्रुजिते नम:99. ऊँ श्री घनश्यामाय नम:100. ऊँ श्री वामनाय नम:101. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:102. ऊँ श्री धनेश्वराय नम:103.ऊँ श्री भगवते नम:104. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:105. ऊँ श्री परमेश्वराय नम:106. ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:107. ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:108. ऊँ श्री प्रजापतये नम:यह भी पढ़ें: Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन इस मुहूर्त में करें गंगा स्नान, जानें पितरों के तर्पण और दान का समयअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।