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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की इस तरह करें पूजा, जीवन सदैव रहेगा सुखमय

वैशाख माह में मासिक दुर्गाष्टमी 15 मई को है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत करने से जातक का जीवन सदैव सुखमय रहता है और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करें और व्रत रखें।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 13 May 2024 08:00 PM (IST)
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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की इस तरह करें पूजा, जीवन सदैव रहेगा सुखमय
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2024: सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार वैशाख माह में मासिक दुर्गाष्टमी 15 मई को है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत करने से जातक जीवन सदैव सुखमय रहता है और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करें और व्रत रखें। अंत में आरती कर मां दुर्गा के मंत्रो का जाप करें। ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के जाप से जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख होने लगते हैं। आइए, मंत्रों को जानते हैं-

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जगत जननी मां दुर्गा के मंत्र

शक्ति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

आह्वान मंत्र

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

भय दूर करने हेतु मंत्र

सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।

भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते ॥

पाप नाशक मंत्र

हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।

सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥

संकट टालने हेतु दुर्गा मंत्र

शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।