Kajari Teej 2024: पति और पत्नी के रिश्ते में चाहते हैं मधुरता, तो कजरी तीज की पूजा में करें ये आरती
कजरी तीज का व्रत आज यानी 22 अगस्त (Kab Hai Kajari Teej 2024) को किया जा रहा है। हर साल यह व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर किया जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि पूजा के दौरान आरती न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kajari Teej 2024: वैवाहिक जीवन में खुशियों के आगमन किए लिए कजरी तीज व्रत किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत करने से पति और पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। यदि आप अभी अपना वैवाहिक जीवन खुशहाल चाहते हैं, तो कजरी तीज की पूजा के समय मां पार्वती और भगवान शिव की इस लेख में दी गई आरती करना न भूलें। प्रभु की आरती करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
माता पार्वती की आरती (Mata Parvati Ki Aarti)
जय पार्वती माता जय पार्वती माताब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राताजग जीवन जगदम्बा हरिहर गुणगु गाता।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथादेव वधुजहं गावत नृत्य कर ताथा।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाताहेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।शुम्भ निशुम्भ विदारेहेमांचल स्यातायह भी पढ़ें: Kajari Teej 2024: भाद्रपद महीने में क्यों मनाया जाता है कजरी तीज का पर्व, मां पार्वती ने की थी इसकी शुरुआत
सहस भुजा तनुधरिके चक्र लियो हाथा।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगरातानंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।देवन अरज करत हम चित को लातागावत दे दे ताली मन मेंरंगराता।जय पार्वती माता जय पार्वती माता।श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गातासदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
शिव जी की आरती (Lord Shiv Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥यह भी पढ़ें: Kajari Teej 2024: कजरी तीज के दिन इस स्तोत्र का करें पाठ, विवाह में आ रही बाधा होगी दूरअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।