Kajari Teej 2024: कजरी तीज के दिन इस स्तोत्र का करें पाठ, विवाह में आ रही बाधा होगी दूर
मान्यता है कि कजरी व्रत की शुरुआत मां पार्वती ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही श्रद्धा अनुसार सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार की चीजें दान में दी जाती है। इससे साधक को वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्या से मुक्ति मिलती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kajari Teej 2024: सनातन धर्म में वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए कई व्रत किए जाते हैं, जिनका विशेष महत्व है। इनमें कजरी तीज का व्रत भी शामिल है। यह व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं। कजरी तीज की पूजा मां जानकीकृतं पार्वती स्तोत्र के पाठ के बिना अधूरी मानी जाती है। इसलिए कजरी तीज की पूजा के दौरान मां जानकीकृतं पार्वती स्तोत्र का विधिपूर्वक करना चाहिए।
कब है कजरी तीज 2024 (Kajari Teej 2024 Shubh Muhurat)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 21 अगस्त, 2024 को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 22 अगस्त, 2024 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कजरी तीज का व्रत गुरुवार, 22 अगस्त को किया जाएगा।
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।।जानकीकृतं पार्वती स्तोत्र।।
''जानकी उवाच''शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते।।सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोsस्तु ते।।हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोsस्तु ते।।सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।
सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले।।सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये।।परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोsस्तु ते।।लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।
एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोsस्तु ते।।शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोsस्तु ते।।फलश्रुतिस्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्।।इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।
दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्।।।।श्री ब्रह्मवैवर्त पुराणे जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्।।पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्।।पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्।।प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्।यह भी पढ़ें: Kajari Teej 2024: कजरी तीज की पूजा में शामिल करना न भूलें ये चीजें, नोट करें व्रत की सामग्री लिस्टअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।