Move to Jagran APP

Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर काल भैरव को इस तरह करें प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा वर

कालाष्टमी का त्योहार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी 30 (Kalashtami 2024 Date) मई को मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Mon, 27 May 2024 05:49 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2024 05:49 PM (IST)
Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर काल भैरव को इस तरह करें प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा वर

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kaal Bhairav Ashtakam Stotram: हिंदू धर्म में काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। कालाष्टमी का पर्व भगवान भैरव को समर्पित है। यह त्योहार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी 30 मई को मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप भी काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन पूजा के दौरान काल भैरव अष्टक स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इससे पूजा सफल होगी और मनचाहा वर मिलेगा। आइए पढ़ते हैं भैरव अष्टक स्तोत्र का पाठ।

 यह भी पढ़ें: Bada Mangal 2024: 28 मई को मनाया जाएगा साल का पहला बड़ा मंगल, तुरंत नोट करें सही पूजा विधि

 

काल भैरव अष्टक (Kaal Bhairav Ashtakam Stotram)

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं

भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं

कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम्।

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम्।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्।

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

यह भी पढ़ें: Grah Gochar 2024 June: ये 4 ग्रह जून महीने में करेंगे राशि परिवर्तन, इन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.