Maa Kali Aarti: सभी रोग-दोष का नाश करती हैं मां काली, पूजा के दौरान जरूर पढ़ें ये आरती
हिंदू धर्म में माना गया है कि मां काली बुराई का नाश करती हैं। सनातन मान्यताओं के अनुसार मां काली धर्म को वीरता और साहस का प्रतीक माना गया है। मां कालिका की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के भय और कष्ट दूर हो सकते हैं। ऐसे में आप रोजाना मां काली की पूजा-अर्चना कर उनकी विशेष कृपा के पात्र बन सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मां काली को, कालरात्रि, कालिका आदि नामों से भी जाना जाता है। काली माता असल में मां सती का ही रौद्ध रूप में हैं। मान्यताओं के अनुसार, काली माता की पूजा करने से साधक को रोग-दोष से मुक्ति मिल सकती है। यह भी कहा जाता है कि मां काली की उपासना करने से तंत्र-मंत्र का असर भी समाप्त हो जाता है। ऐसे में विधि-विधान के साथ मां काली की पूजा कर उनकी आरती जरूर करें। आइए पढ़ते हैं मां काली की आरती।
मां काली की आरती (Maa Kali ki Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गाए भारती, ओ मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |दानव दल पार टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी |
सौ सौ सिंघो से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,दुशटन को तू ही ललकारती |हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |माँ बेटी का है इस जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,दुखियों के दुखड़े निवारती |हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,सतियों के सत को संवारती |हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
चरन शरण में खड़े तुम्हारी ले पूजा की थाली |वरदहस्त सिर पर रख दो मां संकट हरने वाली |माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,भक्तों के करेजा तू ही सारती |हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |तेरे ही गुण गाए भारती, ओ मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।