Move to Jagran APP

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की ऐसे करें कृपा प्राप्त, धन से भर जाएंगे भंडार

धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर (Kartik Purnima 2024) को है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का वास होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 10 Nov 2024 05:46 PM (IST)
Hero Image
Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी की पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) तिथि का अधिक महत्व है। इस शुभ तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन के सभी दुख-संकट दूर होते हैं। इस दिन पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे धन में वृद्धि होती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

लक्ष्मी चालीसा

॥ सोरठा॥

यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।

सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥

॥ चौपाई ॥

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोही॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥

जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा॥

तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥

जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥

केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 16 नवंबर को रात्रि को 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी।

ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥

चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥

स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥

कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। पूजा-अर्चना करने के बाद विष्णु जी और मां लक्ष्मी को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इससे धन लाभ के योग बनते हैं।

मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥

और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥

ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥

त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥

यह भी पढ़े: Kartik Purnima 2024: कब और क्यों मनाई जाती है कार्तिक पूर्णिमा? यहां पढ़ें इसकी वजह

विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥

सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥

प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥

तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥

नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥

॥ दोहा॥

त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।

जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥

रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।

मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

यह भी पढ़े: Kartik Purnima 2024 Date: इस दिन मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा, नोट करें सत्यनारायण पूजा एवं स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।