Karwa Chauth 2021 Date: जानिए, अखंड सौभाग्य के व्रत करवा चौथ का पूजा मुहूर्त और चन्द्र अर्घ्य का समय
Karwa Chauth 2021 Date अंग्रेजी कैलेंडर का माह अक्टूबर का है। इस माह में अखंड सौभाग्य की कामना का व्रत करवा चौथ आता है जो उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में सुहागन और कुंवारी युवतियां विधि विधान से रखती हैं।
By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:00 AM (IST)
Karwa Chauth 2021 Date: अंग्रेजी कैलेंडर का माह अक्टूबर है। इस माह में अखंड सौभाग्य की कामना का व्रत करवा चौथ आता है, जो उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में सुहागन और कुंवारी युवतियां विधि विधान से रखती हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, करवा चौथ व्रत हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का उदय होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों पारण किया जाता है। तभी व्रत को पूर्ण मानते हैं। करवा चौथ के दिन माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि इस वर्ष करवा चौथ व्रत कब है, इसकी सही तिथी क्या है, पूजा मुहूर्त और चन्द्र अर्घ्य का समय क्या है।
करवा चौथ 2021 तिथिहिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर दिन रविवार को प्रात: 03 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रात: 05 बजकर 43 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि में चन्द्रोदयव्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ 2021 पूजा मुहूर्तइस वर्ष करवा चौथ पूजा का मुहूर्त 01 घंटा 17 मिनट का है। आप करवा चौथ के दिन शाम को 05 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट के मध्य चौथ माता यानी माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय का विधिपूर्वक पूजन कर लें। इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर उनकी पूजा करें और अर्घ्य दें। पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करें। उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। पारण से ही व्रत पूरा होता है।
करवा चौथ 2021 चन्द्र अर्घ्य का समयइस साल करवा चौथ के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 07 मिनट पर है। आप रात 08:07 बजे चंद्रमा की पूजा करें और फिर दूध, अक्षत्, पुष्प मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।डिस्क्लेमर ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''