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Karwa Chauth पर जरूर करें करवा माता की आरती, अखंड सौभाग्य का मिलेगा वरदान

इस साल करवा चौथा का व्रत रविवार 20 अक्टूबर को किया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 शृंगार कर अपने पति के निमित्त व्रत करती हैं। करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) के दिन करवा माता की पूजा-अर्चना का विधान है। ऐसे में इस दौरान करवा माता की आरती का पाठ जरूर करना चाहिए तभी आपको इस व्रत का पूर्ण फल मिल सकता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 19 Oct 2024 06:20 PM (IST)
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Karwa Chauth 2024 जरूर करें करवा माता की आरती।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी पर किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए काफी अधिक महत्व रखता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु तो प्राप्त होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाल बना रहता है।

करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2024 Puja Time)

इस बार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं समापन की बात करें, तो इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर को प्रातः 04 बजकर 16 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन ये शुभ मुहूर्त बन रहे हैं -

  • करवा चौथ व्रत का समय - सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
  • करवा चौथ का पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
  • करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय - रात 07 बजकर 54 मिनट पर

करवा चौथ की आरती (Karwa Mata ki Aarti)

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।

यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा चौथ के दिन करवा माता की पूजा आवश्यक रूप से की जाती है। इस दिन पर पूजा स्थल पर उनका चित्र लगाया जाता है और विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि करवा माता सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

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कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।

दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।

गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

करवा चौथ का व्रत काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि इसे निर्जला रखे जाने का विधान है। रात्रि में चंद्र को अर्घ्य दिया जाता है, इसके बाद पत्नी अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करने के बाद इस व्रत को खोलती हैं।

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जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।

व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा चौथ के दिन शुभ मुहूर्त में करवा माता के साथ-साथ शिव-पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा के दौरान करवा माता की आरती का पाठ जरूर करना चाहिए, तभी इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है