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Karwa Chauth Puja Vidhi: आज है सुहाग का दिन, जानें करवा चौथ पर पूजा की सही और प्रामाणिक विधि

Karwa Chauth Puja Vidhi हर सुहागिन महिला को इस दिन का इंताजर होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। साथ ही विधिपूर्वक करवा माता की पूजा भी करती हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 04 Nov 2020 03:50 PM (IST)
Karwa Chauth Puja Vidhi: आज है सुहाग का दिन, करवा चौथ पर इस तरह करें पूजा
Karwa Chauth Puja Vidhi: हर सुहागिन महिला को इस दिन का इंताजर होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। साथ ही विधिपूर्वक करवा माता की पूजा भी करती हैं। इस लेख में हम आपको करवा चौथ पर पूजा कैसे की जाए इसकी जानकारी दे रहे हैं।

इस तरह करें करवा चौथ की पूजा:

1. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सरगी ग्रहण करनी चाहिए। इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत करना होता है। फिर सूर्योदय से पहले स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।

2. इस दिन करवा माता की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-पार्वती की भी पूजा की जाती है।

3. अपराह्न 4 बजे से 5 बजे के बीच किसी बड़े यानी सास-जेठानी अथवा किसी अन्य महिलाओं के साथ करवा चौथ माता की कहानी सुनें।

4. कहानी सुनते समय एक पटरे या चौकी पर जल से भरा हुआ लोटा रखें।

5. एक थाली लें। फिर एक मिट्टी के करवे में रोली, गेहूं, चावल रखकर उसे ढक्कन समेत थाली में रख दें।

6. इसके बाद तेरह करवे रोली से सतीया लगाकर बायने के लिए रख लें।

7. जब आप कहानी पूरी सुन लें तब सबसे पहखले एक करवे पर हाथ फेरें। फिर वह करवा अपनी सास को दे दें। फिर उनके पैर छूएं।

8. इसके बाद रोली सतीया लगे हुए खांड के तेरह करवे वहां मौजूद सुहागिन महिलाओं को बायने में दे दें।

9. फिर 13 गेहूं के दानें और लोटे का जल अलग रख दें। इसे चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

10. रात में चांद निकलने के बाद अर्घ्य दें और इसके पश्चात अपने पति के हाथ से जल ग्रहण करें। फिर भोजन कर व्रत खोल लें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '