Karwa Chauth 2023: इस बार करवा चौथ पर बन रहा है बेहद शुभ संयोग, जिससे पूरी होगी हर इच्छा
Karva Chauth 2023 करवा चौथ का व्रत कठिन व्रतों में से एक है क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है। जिसका पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। इस साल करवा चौथ के दिन बेहद ही शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस शुभ संयोग के विषय में जो लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 10 Oct 2023 06:07 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Karva Chauth 2023 Date: हिंदू धर्म में करवाचौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। यह व्रत मुख्यतः सुहागिन महिलाओं द्वारा वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। साथ ही यह व्रत कुंवारी कन्याओं द्वारा भी किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस साल करवाचौथ का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
करवा चौथ 2023 तिथि (Karwa Chauth 2023 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि प्रारम्भ 31 अक्टूबर 2023, मंगलवार रात 09 बजकर 30 मिटन पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 01 नवंबर रात्रि 09 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में करवचौथ का व्रत 01 नवंबर को किया जाएगा।
बन रहा है ये शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ के दिन अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें शिवयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कार्य या पूजा शुभ फल प्रदान करती है। साथ ही इस दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी।करवाचौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)
करवाचौथ व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद स्नान करें। इसके बाद साफ-सुधरे और नए वस्त्र धारण करें। इसके बाद ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक और फलक पर करवा का चित्र बनाएं। शाम के समय फलक वाले स्थान पर चौकी लगाकर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती संग भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
पूजा की थाली में दीप, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और मिठाई रखने के साथ-साथ करवे में जल भरकर रखें। पूजा के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। इसके बाद शिव-शक्ति और चंद्रदेव की पूजा करें। करवा चौथ व्रत की कथा जरूर सुनें। रात में चंद्रमा के निकलने के बाद छलनी के अंदर चंद्रमा को देखने के बाद चंद्रदेव की पूजा करें और अर्घ्य दें। इसके बाद आप व्रत का पारण कर सकती हैं।
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